बिहार से पहले इस चुनाव में मिली BJP को बंपर जीत, 26 में से 15 सीटों पर खिला कमल
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने लद्दाख के इस चुनाव में जीत का परचम लहरा दिया है।
नई दिल्ली। देशभर की निगाहें इस समय बिहार विधानसभा चुनाव और मध्य प्रदेश में होने वाले 28 सीटों के उपचुनावों पर लगी हुई हैं। इन दोनों ही राज्यों में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है और जीत का परचम एक बार फिर लहराने के लिए पूरे दमखम से जुटी हुई है। बिहार और मध्य प्रदेश की इसी चुनावी गहमागहमी के बीच भाजपा के लिए लद्दाख से एक बड़ी खुशखबरी आई है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव में धमाकेदार जीत हासिल की है। यहां उसे 26 में से 15 सीटों पर जीत मिली है।
कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गईं
आपको बता दें कि लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद की 26 सीटों के लिए बीते गुरुवार को मतदान हुआ था। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद यहां बड़ी संख्या में लोग वोट डालने के लिए निकले और वोटिंग का आंकड़ा 65 फीसदी से ज्यादा रहा। सोमवार को घोषित किए गए चुनाव नतीजों के मुताबिक 26 में से 15 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीते। कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गईं, जबकि 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली।
आम आदमी पार्टी का नहीं खुला खाता
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद की 26 सीटों के इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी मैदान में थी और उसने 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि आम आदमी पार्टी का खाता नहीं खुल पाया। चुनाव मैदान में उतरे कुल 23 निर्दलीय प्रत्याशियों में से 2 को जीत मिली है। गौरतलब है कि लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद में कुल 30 सीटें हैं, जिनमें से 4 सीटों पर पार्षदों को सरकार की तरफ से नामित किया जाता है।
इन 15 सीटों पर जीती भाजपा
भाजपा ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद की जिन 15 सीटों पर जीत हासिल की है, उनमें टरटक, हुंदर, दिस्कित, टेगार, पानमिक, तंगस्ते, कोरजोक, मार्टसेलांग, कुंगयम, थिकसे, चुछूत, स्कू मारखा, खालस्ते, लिंगशेट, लामायूरू शामिल हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस चुनाव का बहिष्कार करते हुए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे।
जीत के बावजूद हुआ तीन सीटों का नुकसान
लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद का गठन 1995 में किया गया था और तीन बार यहां कांग्रेस प्रचंड जीत हासिल कर चुकी है। इसके अलावा 2005 में लद्दाख यूनियन टेरिटोरियल फ्रंट ने यहां जीत हासिल की थी। भाजपा ने पिछले चुनाव में यहां 26 में से 18 सीटों पर जीत हासिल कर परिषद पर अपना कब्जा जमाया था। इस बार भी हालांकि भाजपा को ही जीत मिली है, लेकिन उसकी तीन सीटें कम हो गई हैं।
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