जेटली ने दिए GST दरों में राहत के संकेत, बताया- सबसे बड़ा आर्थिक सुधार
नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के एक साल पूरा होने पर मोदी सरकार जीएसटी दिवस मना रही है। इस मौके पर सर्जरी के बाद सार्वजनिक कार्यक्रम में लौटे केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी आजादी के बाद भारत के सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। देश में अप्रत्यक्ष करों की जटिलता खत्म हुई है। यहीं नहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दरों में राहत को लेकर बड़ा संकेत दिया है। जेटली ने कहा कि एकीकृत कर प्रणाली ने इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह को बढ़ावा देने में मदद की है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि
इसके अलावा उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में इजाफा होने के चलते अब सरकार स्लैब में और कमी करके जनता को राहत दे सकती है। वहीं इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में होने वाले किसी नुकसान की भरपाई करने का वादा किया। जेटली ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी के कारण पिछले साल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के पिछले चार वर्षों में कुल करों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जीएसटी के स्लैब में कटौती करेगी सरकार
अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी से पिछली अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की तुलना में 21 फीसदी का इजाफा हुआ है। टैक्स का कलेक्शन बढ़ा है, इसलिए रेट्स में कमी करने और उनके रैशनलाइज करने की क्षमता में इजाफा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, 28 फीसदी वाले सबसे ऊंचे स्लैब को खत्म कर कम दर का स्लैब तैयार हो सकता है। बता दें 28 फीसदी स्लैब में लग्जरी और बड़े आइटम्स आते हैं।
देशभर में तमाम चेक पोस्ट्स खत्म हो गए हैं
वहीं, वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, 18 फीसदी वाले स्लैब को कम किया जा सकता है। क्योंकि, इसमें जनता के काम से जुड़ी अधिकतर चीजें हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी को लाने से पहले हमने हर राज्य से मशविरा किया। जीएसटी काउंसिल का गठन भी इस तरह से किया गया है कि देश के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व उसमें हो। उन्होंने कहा कि यह काफी आसान है। इसके तहत आप सिर्फ एक ही बार टैक्स भरते हैं। एक ही रिटर्न फाइल करते हैं। देशभर में तमाम चेक पोस्ट्स खत्म हो गए हैं और जटिलता खत्म हुई है।