नोट बदलवाने के दौरान उंगली में स्याही लगाने के फैसले पर भड़की ममता बनर्जी
नोट बदलवाने के दौरान आम आदमी के हाथ में स्याही लगाने का फैसला दिखाता है कि केंद्र सरकार को आम लोगों के ऊपर भरोसा नहीं है।
नई दिल्ली। 500-1000 रुपए के पुराने नोट बदलने के नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद बैंकों के बाहर लगी लंबी लाइन को संभालने के लिए नोट बदलने के दौरान लोगों की उंगली में स्याही लगाने के फैसले का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया है।
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अब चुनाव आयोग इस बारे में क्या कहेगा?
उन्होंने कहा कि नोट बदलवाने के दौरान आम आदमी के हाथ में स्याही लगाने का फैसला दिखाता है कि केंद्र सरकार को आम लोगों के ऊपर भरोसा नहीं है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा है।
ममता बनर्जी ने कहा कि 19 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। अब चुनाव आयोग इस बारे में क्या कहेगा?
ममता बनर्जी ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है और बुधवार को इस बाबत राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे। पता नहीं क्या होगा।
शिवसेना भी हमारे साथ होगी
उन्होंने कहा कि रेलवे, पेट्रोल पंप पर 500-1000 रुपए के नोट को प्रयोग करने की इजाजत मिली है। टोल टैक्स फ्री हुआ है। पर राज्यों में किसानों और को-ऑपरेटिव किसी को भी मदद नहीं मिल रही है। यही हालात प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम में भी हो रहा है। इस समय हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। लोग ऐसे हालात में लगातार सफर कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा कि कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ होने वाली मुलाकात में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी दावा कि बुधवार को राष्ट्रपति से साथ होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शिवसेना भी हमारे साथ होगी। महाराष्ट्र की दूसरे नंबर की राजनीतिक पार्टी शिवसेना ने इस बाबत ममता बनर्जी को आश्वस्त किया है।
Desperate attempt to start a 'black mechanism' with indelible ink shows this govt distrusts the common people... 1/2 #DeMonetisation
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 15, 2016
Also, there are by-elections on Nov 19. What will the EC say about this decision to put indelible on prospective voters? #DeMonetisation 2/2
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) November 15, 2016
स्याही वैसी ही होगी जैसी चुनाव के समय लोगों की उंगली में लगाई जाती
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव शक्तिकांतदास ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बैंक में पैसे जमा करने और निकालने जाने वालों की उंगली पर स्याही लगाई जाएगी। यह स्याही वैसी ही होगी जैसी चुनाव के समय लोगों की उंगली में लगाई जाती है।
कालाधन को सफेद करने का रैकेट चला रहे
शक्तिकांतदास ने कहा कि कई लोग कालाधन को सफेद करने का रैकेट चला रहे हैं, लोग अपने लोगों को बैंको में पैसा डालने के लिए भेज रहे हैं। ऐसे में एक ही व्यक्ति कई बार बैंक पहुंच रहा है जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने उन लोगों की उंगली में स्याही लगाने का फैसला लिया है जिससे कि एक ही व्यक्ति कई बार बैंक में पैसा जमा करने और निकालने नहीं आए।
जनधन खातों में 50 हजार रुपए जमा करने की सीमा
उन्होंने कहा कि सभी जनधन खातों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, इन खातों में अगर सही पैसा डाला जा रहा है तो उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वह अपने खाते में दूसरों को पैसा डालने की अनुमति नहीं दें जिससे की कालाधन को सफेद किया जा सके। शक्तिकांतदास ने कहा कि जनधन खातों में 50 हजार रुपए जमा करने की सीमा है। ऐसे में उन लोगों ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने खाते में दूसरों का पैसा नहीं डालें।
टास्क फोर्स का किया गया है गठन बैंक और पोस्ट ऑफिस की समस्या को कम करने के लिए हमने टास्क फोर्स बनाई है। इन बैंकों के पास पुराने नोट हैं, यह टास्क फोर्स इन नोट को इन बैंकों से ले जाने में मदद करेगी। यह टास्क फोर्स उन जगहों पर भी मदद करेगी जहां जाली नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही यह टास्क फोर्स कालाधन के बैंक में जमा होने पर कड़ी नजर रख रही है।