Toilet का दरवाजा खोलते ही उड़ गए होश, बैठा था पांच फीट लंबा मगरमच्छ
फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के मुहब्बतपुर गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक मकान के शौचालय में पांच फीट लंबा मगरमच्छ छुपकर बैठा हुआ देखा गया। दरअसल, शौचालय का दरवाजा खोलते ही युवक की नजर मगरमच्छ पर पड़ी तो उसके होश उड़ गए। आनन-फानन में उसने घर के सदस्यों को मगरमच्छ के होने की जानकारी दी। जिसके बाद उनके भी होश और उड़ गए।
पांच फीच लंबा था मगरमच्छ
इस दौरान दहशत में आए परिवार के सभी लोग घर के बाहर आ गए और ग्रामीणों को जानकारी दी। जिसके बाद वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम को सूचना दी। सूचना पर आगरा से 4 सदस्यीय एसओएस की टीम ने फिरोजाबाद जाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया। वाइल्ड लाइफ एसओएस ने कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर मगरमच्छ को वापस यमुना नदी में छोड़ा दिया। वहीं, घर के शौचालय में 5 फीट लंबा मगरमच्छ दिखने पर परिवार के लोग भयभीत हो उठे।
मगरमच्छ देखकर उड़ गए होश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मदपुर गांव में जिस मकान के शौचालय में मगरमच्छ घुसा, उसके पास ही तालाब है। बुधवार की रात किसी वक्त तालाब से निकलकर मगरमच्छ मकान के अंदर बने शौचालय में घुस गया। गुरुवार की सुबह परिवार के मुखिया ने शौचालय का दरवाजा खोला तो वहां मगरमच्छ देखकर उनके होश उड़ गए। दहशत में आए परिवार के सभी लोग घर के बाहर आ गए। चीख-पुकार मच गई, जिसे सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए।
यमुना नदी में मगरमच्छ को छोड़ा
परिवार के लोगों ने बताया कि शौचालय में मगरमच्छ है। डरे-सहमे परिवारजनों ने शौचालय का दरवाजा बंद कर दिया। वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग से वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम को जानकारी दी गई। सूचना मिलते ही वन्यजीव संरक्षण संस्था से चार सदस्यीय टीम पिंजड़ा सहित अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची। टीम ने बचाव अभियान शुरू किया और मगरमच्छ को शौचालय से बाहर निकाल कर उसे सफलतापूर्वक पिंजरे में बंद कर लिया। बाद में टीम ने बटेश्वर के नारंगी घाट स्थित यमुना नदी में मगरमच्छ को छोड़ दिया।
आसान नहीं था रेस्क्यू ऑपरेशन
जसराना रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी तुलसीराम डोहरे ने कहा कि सूचना मिलते ही हमने तुरंत अपनी टीम गांव में तैनात कर दी और वाइल्डलाइफ एसओएस टीम से संपर्क किया, क्योंकि हमने उनके साथ पहले भी इसी तरह के कई बचाव अभियानों पर काम किया है। टीम ने मगरमच्छ को पकड़कर यमुना नदी में छोड़ दिया है। वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा कि हमारी टीम को मगरमच्छ बाहर निकालने के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी। चूंकि शौचालय छोटा था और टीम के पास मगरमच्छ की आरामदायक हैंडलिंग के लिए सीमित दायरा था। इसलिए यह रेस्क्यू ऑपरेशन आसान नहीं था।
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