आम नहीं है 'आम', जानें उसने अलग-अलग नाम और रंग
नयी दिल्ली। गर्मी का मौसम आते ही आप गर्मी से भले ही परेशान हो जाते हो, लेकिन आम का नाम लेते ही आपके मुंह में पानी आ ही जाता है। आम के स्वाद की वजह से ही उसे फलों का राजा कहा जाता है। भारत के राष्ट्रीय फल और सभी फलों के राजा के नाम से जाने जानेवाला आम एक महत्वपूर्ण फल है। गर्मियों के मौसम मे बहुत सारे ऐसे फल है जिसे लोग पसंद करते हैं लेकिन फलों का राजा कहे जाने वाला आम ही एक ऐसा रसीला और मीठा फल है, जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं और बड़ी चाव से खाते भी हैं।
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पके आम के फायदे
यूं तो सभी आम का रंग एक जैसा होता है लेकिन पकने के बाद इसका रंग हरा, पीला, जोगिया, सिंदुरिया या लाल हो जाता है। पूरी तरह से पकने के बाद आम गूदेदार और स्वादिष्ट हो जाता है। वहीं आम स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वाद और बल संवर्धन में सभी फलों से आगे है। आम को लेकर कुछ लोगों के मन में अलग अलग धारणाएं भी हैं। कुछ लोगों का कहना है कि आम में काफी मात्रा में कैलोरी होती है।
कच्चे आम का फायदा
पके मीठे और रसीले आम अपने विशेष मीठी गंध से लोगों के दिलों पर राज करते हुए फलों राजा कहलाता हैं। वही कच्चे आम भी कुछ कम नहीं है। कच्चे आम के फल से चटनी, खटाई, अचार, मुरब्बा बनाई जाती है, जिसे लोग पाचक और चटकार समझकर बड़ी चाव से खाते हैं। वहीं गर्मी के दिनों में पेट के रोग से ग्रसित लोग लोगों के लिए आम का छिलका और बीज काफी लाभदायक होता है। इसे आग में पकाकर पानी में घोलकर पीने से पेट की कई तरह की बीमारियों को दूर करता है। वहीं इसके सेवन से गर्मी के दिनों में लू से होने वाले खतरे से भी बचाता है। आम के बीज में मौलिक अम्ल अत्यधिक पाया जाता है, जिसके वजह से खूनी बवासीर और प्रदर में अत्यंत लाभदायक होता है। वही आम के दीवाने लोग सालों भर आम का मजा लेने के लिए पके फल के रस को धूप में सुखा कर अमावट बनाकर रखते हैं। और साल भर आम का मजा लेते हैं।
देश में कई तरह के आम पाए जाते हैं,जिनमें से रोहिणी,लाल मालदा ,बिजू , फजुली, केरवा, लालजार्दालू, किशनभोग, अलंपुरबादामी, गुंदू, आप्पस, खडेर, तोटपुरी, बनेशन, ख़ासज़ार्दालू, चोवसा, बंबइयामालदा, कलकत्तिया मालदा,बथूआ, सूकूल प्रमुख है।
बिजू आम: बजार मे सभी आमों से पहले आता है। एक महीने तक जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं बीजू आम दूसरे आम के मुकाबले साइज में छोटा होता है।
रोहिणी आम: यूं तो सभी आमों में अपनी अलग अलग खासियत होती है, लेकिन रोहिणी आम ऐसा है जो रोहिणी नक्षत्र में होता है जिसका रंग हल्का सिंदुरिया होता है।
केरवा आम: केले के आकार के होने वाला केरवा आम का रंग हरा होता है इसे लोग अधिकतर आचार बनाने में उपयोग करते हैं।
लालजार्दालू
आम:
लालजार्दालू
आम
मे
एक
अलग
मीठा
गंध
होता
है
जिससे
आसपास
के
इलाके
को
सुगंधित
रखता
है।
किशनभोग
आम:
किशनभोग
आम
आकार
में
अन्य
नामों
के
अपेक्षा
बड़ा
और
रसदार
होता
है
तथा
इसके
स्वाद
मीठे
होते
हैं।
लाल
मालदा,बंबइया
मालदा,
कलकत्तिया
मालदा:
सभी
आमों
से
अलग
मालदा
आम
जिसका
रंग
लाल
होता
है
और
सबसे
बड़ी
खासियत
इस
आम
मे
यह
होता
है
कि
इस
का
वजन
आधा
किलो
से
1
किलो
के
करीब
होता
है।
सीजन
के
लास्ट
में
मालदा
आम
बाजार
में
आता
है।
फजुली आम: फजुली आम की सबसे बड़ी खासियत यह होती है कि फजुली आम कच्चे में भी मीठा लगता है जिसे लोग अधिकतर चटनी बनाकर खाते हैं।
बथूआ,सूकूल आम: बथुआ और सूकूल आम की अपनी एक अलग पहचान होती है। आम के सीजन खत्म हो जाने के बाद यह आम बाजार में आता है जिसका वजन 1 से 10 किलो का होता है। वही बथुआ और सूकूल आम का उपयोग लोग अधिकतर अचार बनाने में करते हैं। कच्चे में यह अत्यधिक खट्टा होता है।
आम के फायदे
आम में उपस्थित शक्कर को पचाने के लिये जीवनी शक्ति का अपव्यय नहीं करना पड़ता है। वह स्वयं पच जाती है। आम में सभी फलों से अधिक केरोटीन होता है, जिससे शरीर में विटामिन ए बनता है। जिससे नेत्र-ज्योति तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिय वरदान है। प्रतिदिन 100 ग्राम आम के प्रयोग से नेत्रों की ज्योति बढ़ती है। रतौंधी में रसीला और चूसने वाला फल अधिक लाभदायक साबित होता है।
- आम के रस को दूध में मिलाने से इसके गुणों में और वृध्दि हो जाती है। दूध के साथ खाया आम वात, पित्त नाशक, रूचिकर, वीयवर्ध्दक, वर्ण को उत्तम करने वाला, मधुर, आभारी और शीतल होता है। आम का रस चूस कर दूध पीने से आंतों को बल मिलता है तथा कब्ज दूर होती है।
- इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नेशियम से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
- ये बुढापे को रोकता है, ब्रेन की मदद करता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाता है।
- आम का रस 200 ग्राम, अदरक का रस 10 ग्राम और दूध 250 ग्राम मिलाकर पीने से शारीरिक व मानसिक निर्बलता नष्ट होती है।