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#YogaDay: योग दिवस पर जानिए अष्टांग के बारे में

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आँचल प्रवीण

स्वतंत्र पत्रकार
आंचल पत्रकारिता एवं जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, आंचल को ब्लोगिंग के अलावा फोटोग्राफी का शौक है, वे नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरष्ट्रीय मुद्दों पर लिखती रहती हैं।

महर्षि पतंजली ने मन और शरीर की शुद्धि के लिए और उन्हें विकार रहित बनाने के लिए अष्टांग योग कए नियम बताये हैं, इसे ऐसे समझना चाहिए जैसे यह आठ अलग अलग आयामों का मार्ग है जिसका अभ्यास एक साथ किया जाता है।

 #YogaDay: योग दिवस पर जाने पंतजलि के योग सिद्धांत #YogaDay: योग दिवस पर जाने पंतजलि के योग सिद्धांत

  • यम : पांच सामाजिक नैतिकतायें
  • अहिंसा - शब्दों से, विचारों से और कर्मों से किसी को हानि नहीं पहुँचाना
  • सत्य - विचारों में सत्यता, परम-सत्य में स्थित रहना
  • अस्तेय - चोर-प्रवृति का न होना
  • ब्रह्मचर्य - दो अर्थ हैं:
  • (क)चेतना को ब्रह्म के ज्ञान में स्थिर करना
  • (ख)सभी इन्द्रियों पर संयम रखना
  • अपरिग्रह - आवश्यकता से अधिक संचय नहीं करना और दूसरों की वस्तुओं की इच्छा नहीं करना
  • नियम: पाँच व्यक्तिगत नैतिकतायें
  • शौच - शरीर और मन की शुद्धि
  • संतोष - संतुष्ट और प्रसन्न रहना
  • तप - स्वयं से अनुशासित रहना
  • स्वाध्याय - आत्मचिंतन करना
  • ईश्वर-प्रणिधान - ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण, पूर्ण श्रद्धा
  • आसन: योगासनों द्वारा शारीरिक नियंत्रण
  • प्राणायाम: श्वास-लेने सम्बन्धी खास तकनीकों द्वारा प्राण पर नियंत्रण
  • प्रत्याहार: इन्द्रियों को अंतर्मुखी करना; अंग्रेजी में जिसे सभी सेंसेस को कण्ट्रोल करना कह सकते हैं।
  • धारणा: एकाग्रचित्त होना यानि कंसन्ट्रेट करना
  • ध्यान: निरंतर ध्यान या मेडिटेशन
  • समाधि: आत्मा से जुड़ना, शब्दों से परे परम-चैतन्य की अवस्था जिसे एनलाइटेनमेंट कह सकते हैं।

उपर्युक्त सभी आठ आयाम राजयोग में मिलते हैं, चलिए जानते हैं की क्या होता है राजयोग?

जाने राजयोग के विषय में

अलग-अलग सन्दर्भों में राजयोग के अलग-अलग अनेकों अर्थ हैं। ऐतिहासिक रूप में, योग की अन्तिम अवस्था समाधि' को ही 'राजयोग' कहते थे। महर्षि पतञ्जलि का योगसूत्र इसका मुख्य ग्रन्थ है। 19वीं शताब्दी में स्वामी विवेकानन्द ने 'राजयोग' का आधुनिक अर्थ में प्रयोग आरम्भ किया था।

असीम शक्तियों का भंडार है मनुष्य

राज योग वास्तव में सभी योगों का राजा कहलाता है क्योंकि इसमें सभी योगों का कुछ न कुछ अंश ज़रूर मिलता है | हर किसी के अंदर असीम शक्तियों और ज्ञान का भंडार होता है। राजयोग के माध्यम से इन्ही शक्तियों को जाग्रत किया जाता है, मन को बेहद चंचल और चलायमान माना गया है इसीलिए राजयोग की मदद से मन पर काबू पाने के प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है।

अन्तरिक्ष की शक्तियों को समेट सकता है योग

अन्तरिक्ष में अपार शक्तियाँ हैं योग के माध्यम से ध्यान केन्द्रित करके इन शक्तियों को सही कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है, इसलिए इस योग दिवस से अपने अंदर के सभी विकारों को दूर कीजिये। जीवन को नियम और संयम में ढलने की कोशिश कीजिये ; यकीन मानिये निरोगी काया आपसे कभी दूर नहीं होगी।

English summary
Ashtanga Vinyasa Yoga is a modern style of gymnastic exercises and stretching practiced in combination with yoga breathing and ancient yoga philosophy, it should not be confused with the actual historical Ashtanga Yoga of Patanjali.
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