Year 2017: ओम पुरी से लेकर गिरिजा देवी, देश ने इस साल खोई मशहूर हस्तियां
ये साल जहां कई खुशियां दे गया तो वहीं भारतीय सरजमीं के कई दिग्गज सितारों के जाने का गम भी दे गया। इस साल भारत ने अपने कई नामी हस्तियों को खो दिया।
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नई दिल्ली। साल 2017 खत्म होने वाला है और कुछ ही दिनों में हम सभी नए साल का जश्न मनाएंगे। ये साल जहां कई खुशियां दे गया तो वहीं भारतीय सरजमीं के कई दिग्गज सितारों के जाने का गम भी दे गया। इस साल भारत ने अपने कई नामी हस्तियों को खो दिया। ओम पुरी, विनोद खन्ना, गौरी लंकेश, गिरिजा देवी जैसी कई प्रतिभाशाली शख्सियतें इस साल रुखसत हुईं।
अब्दुल हलीम जफ्फर खान और ओम पुरी
साल की शुरुआत में ही भारत ने अपनी कला जगत की दो हस्तियों को खो दिया। 4 जनवरी को सितार वादक अब्दुल हलीम जफ्फर खान ने अपनी आखिरी सांसें लीं। भारत सरकार ने उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड ही मिला था। 6 जनवरी को बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ओम पुरी का हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। कई अंग्रेजी फिल्मों में काम कर चुके पुरी को 89वें ऑस्कर समारोह में श्रद्धांजलि भी दी गई थी।
सुरजीत सिंह बरनाला, सलमा सिद्दीकी और मुश संतप्पा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट में मिनिस्टर रहे सुरजीत सिंह बरनाला ने 14 जनवरी को इस दुनिया से विदाई ली। ऊर्दू भाषा की जानी-मानी लेखिका सलमा सिद्दीकी का 13 फरवरी को 85 साल की उम्र में निधन हो गया। फरवरी में देश ने एक और शख्सित को खोया। पॉरिमर केमिस्ट और लेदर टेक्नोलॉजिस्ट मुश संतप्पा ने 26 फरवरी को अपनी आखिरी सांसें ली। साइंस के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें देश कासर्वोच्च भारतीय विज्ञान पुरस्कार 'शांति स्वरूप भटनागर प्राइज' भी मिला था।
तारक मेहता और विनोद खन्ना
मशहूर हास्य लेखकर तारक मेहता का लंबी बीमारी के बाद 1 मार्च को निधन हो गया। टीवी का मशहूर सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' उन्हीं की किताब पर बना है। तारक मेहता का हास्य लेखन में अतुलनीय योगदान रहा है। बॉलीवुड के 'दयावान' अभिनेता विनोद खन्ना ने भी इस साल अप्रैल में इस दुनिया से विदाई ले ली। वो काफी समय से ब्लैडर कैंसर से जूझ रहे थे।
रीमा लागू, सी.नारायण रेड्डी और यश पाल
बॉलीवुड की फेवरेट मां रीमा लागू का हार्ट अटैक के कारण 17 मई को निधन हो गया। साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित लेखक सी. नारायण रेड्डी को देश ने 2 जून को खो दिया। ब्रिटिश भारत में जन्में वैज्ञानिकत यश पाल का 24 जुलाई के दिन निधन हो गया। भारत सरकार ने उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
संतोश मोहन देव और भक्ति यादव
कांग्रेस के दिग्गज नेता संतोश मोहन देव का 2 अगस्त को निधन हो गया था। वो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सबसे विश्वासजनक मंत्रियों में से एक थे। 6 दशक तक महिलाओं का फ्री में इलाज करने वाली गाइनिकोलॉजिस्ट भक्ति यादव ने 14 अगस्त को आखिरी सांसें लीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वे भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया था।
गौरी लंकेश, अर्जन सिंह और टॉम ऑल्टर
5 सितंबर को भारतीय पत्रकारिता ने अपने ऐसे पत्रकार को खो दिया जो कभी अपने विचार व्यक्त करने से नहीं डरी। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर कुछ अज्ञात युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारतीय वायु सेना के मार्शल और 5 स्टार रैंक प्राप्त अर्जन सिंह का 16 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 29 सितंबर को बॉलीवुड फिल्मों के अंग्रेजी अभिनेता टॉम ऑल्टर ने अपनी आखिरी सांसें लीं। वो स्किन कैंसर से लंबे समय से पीड़ित थे।
कुंदन शाह, गिरिजा देवी और शशी कपूर
जाने भी दो यारों जैसी क्लासिक फिल्म बनाने वाले फिल्म निर्देशक कुंदन शाह का 7 अक्टूबर को निधन हो गया। मशहूर ठुमरी गायिका गिरिजा देवी को भी इस साल देश ने खो गिया। ठुमरी क्वीन के नाम से जानी जाने वालीं गिरिजा देवी को कई सम्मान प्राप्त थे। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता शशी कपूर का लंबी बीमारी के चलते 4 दिसंबर को मुंबई में निधन हो गया।
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