World Tigers Day: जानिए बाघों के बारे में कुछ रोचक बातें
नई दिल्ली। आज से तकरकीबन 8 साल पहले 2010 में सेव द टाइगर अभियान जोरो शोरों पर देशभर में चलाया जा रहा था, जिससे कि बाघों की घटती संख्या को बढ़ाया जा सके। एयरसेल टेलीकॉम ने इस अभियाान को बढ़चढ़कर आगे बढ़ाया, जिसने लोगों का काफी ध्यान आकर्षित किया। उस वक्त तमाम चैनल्स पर बाघों की कुल संख्या 1411 को लेकर चिंता जाहिर की जाती थी। लेकिन समय के साथ तमाम प्रयासों के चलते बाघों की घटती संख्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया, सरकार, एक्टिविस्ट, एनजीओ, सहित मताम वाइल्ड लाइफ एक्ट की मदद से बाघों की घटती संख्या को बढ़ाने में मदद मिली और 2014 में बाघों की संख्या बढ़कर 2226 पहुंच गई।
आखिर बार जब बाघों की जनगणना हुई थी तो उनकी कुल संख्या 2226 थी। भारत में पर कैपिटा फॉरेस्ट एरिया की बात करें तो यह दुनिया में सबसे कम है। जंगलों का विस्तार पिछले सालों में काफी कम हुआ है, जिसकी वजह से बाघों की रिहायशी इलाकों में भी कमी आई है, यही वजह है कि बाघों की संख्या में काफी कमी दर्ज की गई थी और सेव द टाइगर अभियान को चलाया गया था। बाघों की सुरक्षा के लिए द नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर टाइगर्स को लॉच किया था।
सेव द टाइगर
एनटीसीए ने इस अभियान के तहत बाघों की संख्या को गिनने के लिए कई बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया और कैमरे लगाए, जिसके बाद माना जा रहा है कि 2019 में जब नए आंकड़ें जारी किए जाएंगे तो बाघों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आपको बता दें कि 29 जुलाई को हर वर्ष बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसकी शुरुआत 2010 में सेंट पिटर्सबर्ग में टाइगर समिट के दौरान हुई थी।
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आइए डालते हैं बाघों के बारे में कुछ दिलचस्प बातों पर एक नजर
बाघ सबसे बड़े जानवर
- बिल्लियों की प्रजाती में बाघ सबसे बड़े जानवर हैं।
- बाघ 3.3 मीटर यानि की 11 फीट और 300 किलोग्राम वजन के हो सकते हैं।
- बाघों की प्रजाति में सुमात्रन, साइबेरियन, बंगाल टाइगर, साउथ चायना टाइगर, मलयन टाइगर और इंडोचायनीज टाइगर हैं।
- बाघों के आधे से ज्यादा बच्चे दो साल की उम्र तक मर जाते हैं।
- बाघों के बच्चे महज दो वर्ष की आयु में बाघिन का साथ छोड़ देते हैं।
- बाघ अच्छे तैराक होते हैं और यह 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तैर सकते हैं।
- सफेद बाघों का जीन 10 हजार में से एक बाघ में होता है।
- बाघ बाघ सामान्य तौर पर रात में अकेले शिकार करना पसंद करते हैं।
- बाघ 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकत हैं।
- बाघ शिकार करते समय महज 10 फीसदी प्रयासों में सफल होते हैं।
- बाघ 5 मीटर तक की उचाईं तक कूद सकते हैं।
- कई देशों की राष्ट्रीय पशु बांग्लादेश, भारत, नार्थ कोरिया, साउथ कोरिया और मलेशिया का राष्ट्रीय पशु बाघ है।
- शेरों के साथ प्रजनन करने वाले बाघ के बच्चों को टाइगोंस या लिगर्स कहते हैं।
बाघ अच्छे तैराक होते हैं...
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