World Diabetes Day 2019: लंबे वक्त तक खाली पेट रहना भी देता है मधुमेह को दावत
नई दिल्ली। आज पूरा 'विश्व मधुमेह दिवस' मना रहा है, मधुमेह रोगियों की ओर से ली जाने वाली दवाओं और इंसुलिन पर कराए गए एक अध्ययन में सामने आया है कि नौ साल की अवधि में इंसुलिन की बिक्री में पांच गुना से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई, तो वहीं एक नया अध्ययन ये भी कहता है कि विटामिन डी की कमी वाले लोगों को मधुमेह होने का खतरा अधिक होता है इसलिए अध्ययन में कहा गया है कि लोग बाहरी गतिविधियों (धूप ) पर भी कुछ समय देकर मधुमेह के खतरे को कम कर सकते हैं, रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन डी ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म से ज्यादा नजदीकी रूप से जुड़ा है।वैसे लंबे वक्त खाली पेट भी रहना मधुमेह को जन्म देता है, भारत में मधुमेह रोगियों में इसलिए ही ज्यादा इजाफा हुआ है, जिसमें महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा है।
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भारत में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं
इंडियन डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, भारत में करीब 7 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं। डायबिटीज को आधुनिक जीवनशैली की देन कहा जा सकता है। शरीर में जब ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है तो उस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है, यह इंसुलिन हार्मोन की कमी से होता है। आपको जानकर हैरत होगी कि भारत में फिजिशियन के पास जाने वाला हर चौथा मरीज मधुमेह से ग्रसित है और भारत के हर तीसरे घर में एक मधुमेह रोगी है।
बदलनी होगी लाइफस्टाइल
खान-पान की गलत आदतें, धूम्रपान की लत और अस्वस्थ जीवनशैली भारतीय युवाओं में मधुमेह (डायबिटीज) की आशंका को बढ़ा रही है। मोटापा इसमें समस्या और बढ़ा देता है। ऐसे में स्वस्थ जीवनशैली और मोटापे से दूर रहकर मधुमेह जैसी बीमारी से भी बचा जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, डायबिटीज एशिया की बड़ी सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरी है, एशियाई सबसे अधिक मात्रा में मधुमेह का शिकार हो रहे हैं।
फिट रहें और हिट रहें
एशियन अस्पताल के डॉ. मनीष जैन के मुताबिक 35 पार के इंसान को नियमित कसरत या वॉक करनी चाहिए और जंक फूड के बजाय हेल्दी डाइट पर ध्यान देना चाहिए। उनकी मात्र 30 मिनट की कसरत उन्हें बहुत सारी दवाईयों से दूर कर सकती है।
जरूर करें ये काम
- नियमित रूप से संतुलित आहार का सेवन और व्यायाम करें
- खानपान की आदत में सुधार करें
- वजन पर काबू रखें
- तनाव से दूर रहें
- विटामिन-के का सेवन करें
- धूम्रपान छोड़ें
- अधिक पानी पीएं
- शुगर की नियमित जांच करवाएं
- थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करें
- ट्रांस फैट से दूर रहें
- नियमित रूप से चिकित्सक से परामर्श लेते रहें।
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