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World Book and Copyright Day 2018: सुकून से चाहते हैं दोस्ती तो किताबों से कीजिए मोहब्बत

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नई दिल्ली। आज विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस है, ये दिन हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। कहते हैं किताबों से अच्छा कोई दोस्त नहीं हैं, ये वो मित्र हैं, जो आपका साथ कभी नहीं छोड़ती हैं, एक बार आपका साया भी आपका साथ अंधेरे में छोड़ सकता है लेकिन किताबें सांसों की तरह आपके साथ रहती हैं। लेकिन जो लोग किताबों के जरिए अपने जीवन की पढाई आरंभ करते हैं, वो ही आज बढ़ती उम्र के साथ-साथ कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी की वजह से किताबों से दूर हो रहे हैं। यही कारण है कि लोगों और किताबों के बीच की दूरी को पाटने के लिए यूनेस्को ने '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया। जिससे लोगों का किताबों के प्रति रूझान कम ना हो।

 कुछ खास बातें

कुछ खास बातें

  • विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुई थी।
  • आपको बता दें कि 23 अप्रैल का दिन साहित्यिक क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है चूंकि यह तिथि साहित्य के क्षेत्र से जुड़ी अनेक विभूतियों का जन्म या निधन का दिन है।
  • इसी कारण यूनेस्को ने '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था।
  • 23 अप्रैल ही क्यो?

    23 अप्रैल ही क्यो?

    • उदाहरण के तौर पर 1616 में 23 अप्रैल को सरवेन्टीस, गारसिलआसो डी लाव्हेगा, मारिसे ड्रयन, के. लक्तनेस, ब्लेडीमीर नोबोकोव्ह, जोसेफ प्ला और मैन्युएल सेजीया के जन्म/ निधन के दिन के रूप में जाना जाता है।
    • महान लेखक और नाटककार विलियम शेक्सपीयर के तो जन्म और निधन की तिथि भी 23 अप्रैल है।
    • इंग्लैंड और आयरलैंड अलग हैं इस मामले में

      इंग्लैंड और आयरलैंड अलग हैं इस मामले में

      • वर्तमान में विश्व पुस्तक और स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस 23 अप्रैल को विश्व के 100 देशों में मनाया जाता है।
      • इंग्लैंड और आयरलैंड में विश्व पुस्तक और स्वामित्व (कॉपीराइट) दिवस 3 मार्च को होता है।

      गीता में कहा गया है- 'ज्ञानात ऋते न मुक्ति' अ

      गीता में कहा गया है- 'ज्ञानात ऋते न मुक्ति' अ

      गीता में कहा गया है- 'ज्ञानात ऋते न मुक्ति' अर्थात् ज्ञान के बिना मुक्ति संभव नहीं है और ज्ञान का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं-पुस्तकें। जो बात आप किसी से पूछ नहीं सकते हैं उन सारी बातों का उत्तर किताबों के पन्नों में मिलता है, किताबों की जगह सूचना प्रौधोगिकी का कोई भी अंग ले नहीं सकता है।

      पुस्तकें एकान्त की सहचारी हैं

      पुस्तकें एकान्त की सहचारी हैं

      कहा गया है ना better alone than in a bad company . अर्थात् कुसंगति से एकान्त कहीं ज्यादा उत्तम है। पुस्तकें एकान्त की सहचारी हैं । वे हमारी मित्र हैं जो बदले में हम से कुछ नहीं चाहती । वे इस लोक का जीवन सुधारने और परलोक का जीवन संवारने की शिक्षा देती है और प्रेम से लेकर कटुता तक के सारे सवालों के जवाब वहां विस्तार से मौजूद हैं।

      किताबों से कीजिए मोहब्बत ...

      किताबों से कीजिए मोहब्बत ...

      कहते है ना जिस प्रेम का एहसास किताबों के पन्नों के बीच दबे सूखे गुलाब के फूल कराते हैं, वो ही एहसास किताबों से मोहब्बत करने पर भी मिलता है इसलिए पुस्तकों से दोस्ती कीजिए क्योंकि ये ही आपको सही और गलत की पहचान कराएंगी और सुकून भी देगी।

यह भी पढ़ें: पुराने POCSO (पॉक्सो) से कितना और कैसे अलग होगा नया कानून?

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English summary
World Book and Copyright Day is an annual event organised by the United Nations to foster a global appreciation for reading and to promote writing, publishing and familiarity with copyright laws around the world. The event is held on April 23 every year.
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