#Womens day: मिलिए चुनावी दंगल की धाकड़ महिलाओं से...
इस बार के चुनावी समर में महिलाओं ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है, कहीं वो मतदाता के रूप में तो कहीं वो स्टार प्रचारक के रूप में नजर आईं।
नई दिल्ली। यूपी में चुनावी दंगल अपने अंतिम दौर में हैं, इस दौर में किसने जीती जंग और किसने हारी बाजी, इसका खुलासा तो 11 तारीख को होगा जिस दिन चुनावी नतीजे आएंगे।
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लेकिन इस बार के चुनावी समर में महिलाओं ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश की है, कहीं वो मतदाता के रूप में तो कहीं वो स्टार प्रचारक के रूप में नजर आईं, उनकी रैलियों में जुड़ी महिलाओं और युवाओं की भीड़ ने ये बता दिया कि उनकी बातें लोग सुनते भी हैं और समझते भी है।
डिंपल यादव
यूपी के सीएम अखिलेश यादव की पत्नी और सांसद डिंपल यादव का जो रूप इस बार चुनावी समर में दिखा है वो पहले किसी ने नहीं देखा था। उन्होंने अपने पति और सपा पार्टी के लिए जोर-शोर से चुनावी प्रचार किया लेकिन एक पत्नी से इतर उन्होंने ये साबित किया कि वो देश की एक आत्मनिर्भर, मजबूत महिला हैं जिनकी अपनी भी एक पहचान है, वो निर्णय भी ले सकती हैं और विरोधियों को शांत भी कर सकती हैं।
उमा भारती
एक केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करने के तौर पर इनकी अपने इलाके में साख दांव पर है, लेकिन इन सबके इतर उमा भारती की पहचान एक स्पष्ट और मुखर वक्ता के तौर पर है, जो किसी के आगे घुटने नहीं टेकती।
मायावती
एक अकेली जुझारू महिला के तौर पर कई दिग्गज नेतृत्व को चुनौती दे रही हैं। इनकी चुनावी चालें कई राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमान को पलट सकती हैं। यूपी की चार बार मुखिया रह चुकीं मायावती अपने दम पर लोगों को चैलेंज करती आई हैं और कई बार सफल भी रही हैं।
प्रियंका गांधी
इस बार भी यूपी में ज्यादा सक्रिय तो नहीं रहीं लेकिन समाजवादी पार्टी से गठबंधन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। मुखर व्यक्तित्व वाली इस स्टार प्रचारक से विरोधी भी घबराते हैं, अपनी मां और भाई के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली प्रियंका की बातों का असर लोगों पर होता है या नहीं ये तो चुनाव परिणाम बताएंगे।
अपर्णा यादव
पहले समाज सेविका और अब सपा प्रत्याशी अपर्णा यादव इस बार लखनऊ से चुनावी मैदान में हैं। चुनावी समर में अपर्णा ने अपने आपको एक परिपक्क के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है, देखते हैं कि वो कितनी सफल होती हैं।
अदिति सिंह
बाहुबली विधायक अखिलेश सिंह की लंदन रिटर्न बेटी अदिति सिंह ने भी इस बार चुनावी दंगल में अपना भाग्य आजमाया है, लोगों का इनसे काफी उम्मीदें हैं, देखते हैं कि वो रायबरेली से अपने पापा की तरह विजयी होती हैं कि नहीं।
रीता बहुगुणा जोशी
तीन दशक तक कांग्रेस में रहने के बाद भाजपा का दामन थामने वाली रीता क्या इस बार भाजपा के टिकट पर लखनऊ कैंट से विजयी होंगी, ये देखना दिलचस्प होगा।
अमिता सिंह-गरिमा सिंह
अमिता सिंह अमेठी नरेश और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजा संजय सिंह की दूसरी पत्नी हैं तो गरिमा सिंह उनकी पहली पत्नी हैं, उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों एक दूसरे के आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने अमेठी को अपनी परंपरागत सीट होने का दावा करते हुए अमिता सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है तो भारतीय जनता पार्टी ने गरिमा सिंह को अमेठी सीट से प्रत्याशी बनाया है।
चारू चौधरी
राष्ट्रीय लोकदल के मुख्यमंत्री प्रत्याशी जयंत चौधरी के साथ लगभग हर चुनावी मंच पर चारू चौधरी नजर आयीं क्योंकि राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख चौधरी अजीत सिंह ने अपनी पुत्रवधु चारु चौधरी को पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया था।