जेपी नड्डा क्या अमित शाह के जैसे ओजस्वी अध्यक्ष साबित हो पाएंगे, जानिए नड्डा के सियासी करियर से जुड़ी बड़ी बातें
Will JP Nadda be able to prove a powerful president like Amit Shah, know the big things related to JP Nadda's political careerजेपी नड्डा क्या अमित शाह के जैसे ओजस्वी अध्यक्ष साबित हो पाएंगे, जानिए जेपी नड्डा के सियासी करियर से जुड़ी बड़ी बातें, क्या भाजपा के लिए चेंज मेकर साबित होंगे जेपी नड्डा?
बेंगलुरु। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को सोमवार को जेपी नड्डा के रुप में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आज ताजपोशी होने वाली हैं। भाजपा के दफ्तर में नए अध्यक्ष के लिए चुनाव चल रहा है। अध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टीशासित सभी राज्यों के सीएम, डिप्टी सीएम, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय संगठन से जुड़े नेता, राज्यों के अध्यक्ष और संगठन मंत्री राजधानी पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि कोई भी दूसरा उम्मीदवार ना होने की वजह से नड्डा निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। दोपहर बाद नड्डा को अध्यक्ष निर्वाचित होने की घोषणा की जाएगी। वर्तमान में नड्डा हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सदस्य और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
बता दें भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह की जगह जेपी नड्डा अध्यक्ष बन रहे हैं। इसलिए जेपी नड्डा के सामने अध्यक्ष के पद के रुप में खासी चुनौतियां होगी। बीजेपी की कमान संभालने के साथ ही जेपी नड्डा के सामने पहले दिल्ली और उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव जैसी बड़ी चुनौतियां होंगी। अमित शाह ने अध्यक्ष पद पर रहते हुए भाजपा को नयी बुलंदियों तक पहुंचाया है। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या जेपी नड्डा अमित शाह जैसे ओजस्वी अध्यक्ष साबित हो पाएंगे, जानिए जेपी नड्डा के करियर से जुड़ी खास बड़ी बातें ?
जेपी आंदोलन से सुर्खियों में आए थे नड्डा
बता दें भाजपा नेता जेपी नड्डा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ काफी करीबी संबंध हैं। छात्रनेता के रुप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले जेपी नड्डा शुरुआती दौर से आरएसएस के काफी सक्रिय सदस्य रहे। उनकी प्राथमिक शिक्षा पटना के सेंट जेवियर स्कूल में हुई और बीए उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से किया। नड्डा छात्र राजनीति के दौरान एबीवीपी से जुड़ने के बाद बीजेपी के युवा मोर्चा से होते हुए हिमाचल की राजनीति में आए। नड्डा ने 1975 के जय प्रकाश नारायण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई । इसके बाद नड्डा अपने पैतृक राज्य हिमाचल प्रदेश आ गए और उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली। इसी दौरान 1983 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्वकालीन कार्यकर्ता के रूप नड्डा ने हिमाचल में ABVP के संगठन मंत्री का कार्य किया।
2010 में गडकरी ने नड्डा को बनाया था भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सफर तक पहुंचने वाले जगत प्रकाश नड्डा 1993 में हिमाचल विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद भाजपा विधायक दल के नेता बने थे। 1998 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद नड्डा को पार्टी सीएम बनाना चाह रही थी लेकिन वह पीछे हट गए तब प्रेम कुमार धूमल का नाम प्रस्तावित किया गया। 2009 में मंत्री पद छोड़कर वह दिल्ली चले गए नड्डा को राज्य और केंद्रीय संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। इसलिए माना जा रहा हैं कि भाजपा के 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में वह पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे से संभाल सकेंगे। विधायक और मंत्री भी बने नड्डा 2010 में राष्ट्रीय राजनीति में आए जब नितिन गडकरी ने उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया।
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नड्डा हिमाचल के पहले नेता जो बन रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
जेपी नड्डा का जन्म साल 1960 में पटना में ब्राह्मण परिवार में हुआ। जेपी नड्डा 1977 से 1979 तक रांची में रहे। उनके पिता नारायण लाल नड्डा पटना विवि में प्रोफेसर और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। नड्डा हिमाचन प्रदेश के पहले नेता हैं जो भाजपा की राष्ट्रीय स्तर पर कमान संभालेंगे। स्कूलिंग के दौरान नड्डा ऑल इंडिया जूनियर स्वीमिंग चैम्पियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। नड्डा का विवाह 11 दिसंबर 1991 को मल्लिका से हुआ। उनके दो बच्चे हैं। नड्डा की सास जयश्री बनर्जी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं ।
स्वास्थ्य समेत अन्य मंत्रालय संभाल चुके हैं नड्डा
जे पी नड्डा 1993 से लेकर 2002 तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। पहली बार नड्डा 1993 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा पहुंचे और लगातार तीन बार विधायक चुने गए। 1994 से 1998 तक विधानसभा में पार्टी के नेता रहे। इसके बाद वे दोबारा 1998 में विधायक चुने गये। इस जीत के साथ ही उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया। 1998 से लेकर 2003 तक हिमाचल प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2008 से2010 के अंतराल में नड्डा प्रेम कुमार धूमल की सरकार में समंत्री बने और वन-पर्यावरण, विज्ञान व टेक्नालॉजी समेत कई अहम मंत्रालय संभाला। अप्रैल 2012 में राज्यसभा सांसद चुने गए। 2014 से लेकर 2019 तक मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री पद पर स्वास्थ्य मंत्रालय संभाला। जून 2019 को बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए।
नड्डा भाजपा के लिए क्या चेंजमेकर साबित हो पाएंगे
साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को गृहमंत्री बनाया गया और जुलाई में नड्डा को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। 2019 में नड्डा को आम चुनाव में भारतीय राजनीति के लिए बहुत अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी का चुनावी प्रभारी बनाया गया था जहां पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के महागठबंधन की वजह से पार्टी को कड़ी चुनौती थी। लोकसभा चुनाव में नड्डा को जो जिम्मेदारी दी गयी उसमे वह खरे उतरे।
लोकसभा 2019 के चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में 62 पर जीत मिली। वह बीजेपी के सर्वोच्च निर्णय निकाय संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। पिछले एक साल में पांच राज्यों से बीजेपी की पकड़ जाने के बाद क्या जे.पी.नड्डा बीजेपी के लिए राज्यों में अप्रत्याशित बदलाव ला सकते है। जेपी नड्डा काफी मिलनसार हैं वह भाजपा के नेताओं के बीच अपनी मधुर मुस्कान और मृदु व्यवहार के लिए पसंद किए जाते हैं। अमित शाह की छवि एक अक्खड़ अध्यक्ष के रुप में रही हैं ऐसे में माना जा रही है कि नड्डा पार्टी के लिए चेंजमेकर हो सकते हैं। राष्ट्रीय अघ्यक्ष के रुप में नड्डा के सामने सबसे पहली और बड़ी चुनौती भाजपा को दिल्ली और बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने की हैं।
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