जज्बा: पति की शहादत के बाद अब पत्नी पहनेंगी आर्मी यूनिफॉर्म और पूरा करेंगी उनका सपना
मुंबई। दिसंबर 2017 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सीमा पर एक शेल्टर में आग लगने की वजह से मेजर प्रसाद महादिक की दर्दनाक मृत्यु हो गई थी। मेजर महादिक भारत-चीन सीमा पर अपनी चौकी पर थे जब हादसा हुआ। अब शहीद मेजर की पत्नी गौरी महादिक ने यूनिफॉर्म पहनकर अपने शहीद पति के हर सपने को पूरा करने का ठान लिया। 32 वर्षीय गौरी महादिक जल्द ही सेना में लेफ्टिनेंट रैंक की ऑफिसर होंगी और इसके साथ ही वह देश की बाकी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनेंगी।
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एसएसबी एग्जाम टॉपर गौरी
अपने पति की आकस्मिक निधन की खबर सुनकर ही 32 वर्षीय गौरी ने ठान लिया था कि वह किसी भी तरह से सेना में शामिल होकर रहेंगी। गौरी ने प्रण लिया और दिसंबर में उन्होंने सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) का एग्जाम पास किया है। यह एग्जाम 30 नवंबर से चार दिसंबर के बीच भोपाल में हुआ था। गौरी ने इस परीक्षा में टॉप किया और अब वह चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ओटीए) में एक वर्ष तक कड़ी ट्रेनिंग का हिस्सा बनेंगी। गौरी इस समय मुंबई के विरार में रहती हैं। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद गौरी अगले वर्ष बतौर लेफ्टिनेंट सेना का हिस्सा बनेंगी।
16 उम्मीदवारों में एक थीं गौरी
गौरी ने बताया, 'वॉर विडोज के लिए नॉन-टेक्निकल कैटेगरी में मैं एक लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशंड होंगी।' एसएसबी की परीक्षा में 16 उम्मीदवार थे और गौरी महादिक टॉपर रही हैं। अब गौरी 49 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरेंगी और मार्च 2020 में वह सेना में ऑफिसर बनकर शामिल हो जाएंगी। गौरी ने आगे बताया, 'एसएसबी एग्जाम उन रक्षा कर्मियों की विधवाओं के लिए था जिनकी मृत्यु मुश्किल हालातों का सामना करते हुए हो गई थी। तीन सेंटर्स, बेंगलुरु, भोपाल और इलाहाबाद से करीब 16 उम्मीदवारों को एसएसबी के लिए चुना गया था।'
साल 2015 में हुई थी मेजर महादिक से शादी
साल 2015 में उनकी शादी मेजर प्रसाद महादिक से हुई थी और अभी वह अपने सास-ससुर के साथ विरार में रहती हैं। गौरी के साथ बाकी उम्मीदवारों को कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) की ओर से हुई लिखित परीक्षा से छूट दे दी गई थी। उन्हें सीधे भोपाल में हुई मौखिक परीक्षा के लिए कॉल कर लिया गया था। गौरी के लिए यह सफर एक खुशकिस्मत संयोग की ही तरह था। उन्होंने बताया कि भोपाल में एग्जाम सेंटर पर उन्हें वही चेस्ट नंबर 28 दिया गया था जो उनके पति प्रसाद को ओटीए में सेलेक्शन के लिए मिला था। गौरी एक कंपनी सेक्रेटरी थींं और एक वकील हैं।
बटालियन के बेस्ट ऑफिसर थे मेजर
पति की शहादत के बाद गौरी ने अपनी लॉ फर्म की जॉब छोड़ दी और सेना के लिए तैयारी करने लगीं। वह कहती हैं कि पति मेजर प्रसाद मार्च 2012 ओटीए में ट्रेनिंग पूरी करके सेना का हिस्सा बने थे। वह बिहार रेजीमेंट की 7वीं बटालियन के सर्वश्रेष्ठ ऑफिसर्स में से एक थे। उनके साथियों को आज भी याद है कि वह किस समर्पण भाव से अपनी ड्यूटी करते थे। मेजर प्रसाद महादिक को म्यूजिक और खेलकूद में काफी रूचि थी।