जानिए क्यों इंडियन आर्मी दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट
चेन्नई। शनिवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी की पासिंग आउट परेड थी और इस मौके पर आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग भी मौजूद थे।
जनरल सुहाग ने कहा कि आर्मी देश में 'सबसे अधिक सम्मानित और पसंदी की जाने वाली' है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इंडियन आर्मी की अहमियत को स्वीकारता है।
जनरल सुहाग की जिंदगी से जुड़े कुछ खास तथ्य
उन्होंने कहा कि इंडियन आर्मी की एक छवि है। हमारी आर्मी ने बाहरी और आंतरिक चुनौतियों से निपटने में खासा योगदान किया है।
जनरल सुहाग ने बताया कि यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन में इंडियन आर्मी की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सराहा है। दुनिया मानती है कि इंडियन आर्मी ना केवल ताकत का पर्याय है बल्कि यह परिपक्वता और जिम्मेदारी के लिए भी जानी जाती है।
अब जब बतौर चीफ जनरल सुहाग ने इंडियन आर्मी की तारीफ की है तो आप भी जानिए कि इंडियन आर्मी से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जो आपको सेना पर गर्व करने का एक मौका देंगे।
बिना रिजर्वेशन के मिलता सबको मौका
इंडियन आर्मी में किसी की जाति या फिर धर्म को देखे बिना, उसे देश की सेवा का मौका दिया जाता है। पासिंग आउट परेड के दौरान पंडित, मौलवी, फादर और सिख गुरु आफिसर्स को एक साथ शपथ दिलाते हैं।
यूएन पीसकीपिंग मिशन में सबसे बड़ा ट्रूप
जब से यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन की शुरुआत हुई है तब से ही इंडियन आर्मी सबसे बड़ा ट्रूप साबित हुआ है। अब तक भारत ने 43 पीसकीपिंग मिशंस में हिस्सा लिया है और करीब 180,000 ट्रूप्स इसमें शामिल हो चुके हैं।
कैवलरी रेजीमेंट बेस्ट थ्री में
इंडियन आर्मी की कैवलरी रेजीमेंट दुनिया की तीन ऐसी बेस्ट रेजीमेंट का हिस्सा है।
सबसे बड़ा ब्रिज बनाने का गौरव
इंडियन आर्मी ने अगस्त 1982 में द्रास और सुरु नदियों के बीच में दुनिया का सबसे बड़ा ब्रिज तैयार किया था।
सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशंस में शामिल
वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा हो या फिर जम्मू कश्मीर में वर्ष 2014 में आई बाढ़ हो, इंडियन आर्मी ने एयरफोर्स के साथ मिलकर दुनिया के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करने में योगदान दिया था।
सिर्फ 120 सैनिकों के साथ जीती एक जंग
इंडियन आर्मी 120 सैनिकों के साथ भी किसी जंग को जीतने की ताकत रखती है। दिसंबर 1971 में जब पाकिस्तान के साथ जंग हुई तो लौंगेवाला की लड़ाई में बने इतिहास को पूरी दुनिया जानती है। 2000 पाकिस्तानी सैनिकों को इंडियन आर्मी के 45 टैंक्स और एक मोबाइल इंफ्रेंट्री ब्रिगेड ने पीछे धकेल दिया था।
अमेरिकी सैनिकों ने भारत में ली ट्रेनिंग
इंडियन आर्मी का कश्मीर के गुलमर्ग में हाई ऑल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल है और यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट में गिना जाता है। यहां पर अमेरिका, ब्रिटेन और रूस की स्पेशल ऑपरेशंस टीमें अक्सर आती रहती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी इंस्टीट्यूट में अमेरिकी सेनाओं ने अफगानिस्तान संघर्ष के दौरान ट्रेनिंग ली थी।
पहाड़ों पर लड़ने में कोई सानी नहीं
इंडियन आर्मी दुनिया की अकेली ऐसी सेना है जिसके सैनिक ऊंचाई और पहाड़ों पर भी जंग को जीत सकते हैं। वर्ष 1999 में हुआ कारगिल का युद्ध इसकी सबसे बड़ी मिसाल है।
हाइएस्ट वॉर जोन में भी आर्मी
सियाचिन जो दुनिया का हाइएस्ट वॉर जोन है वहां पर इंडियन आर्मी भी बिना किसी डर के डटी रहती है।