इन आंकड़ों को देखिए और जानिए वजह क्यों पंजाब है 'उड़ता पंजाब'....
चंडीगढ़। पिछले करीब एक हफ्ते से फिल्म 'उ़ड़ता पंजाब' की वजह से पंजाब काफी चर्चा में है। फिल्म में पंजाब के युवाओं में ड्रग्स की लत के बारे में दिखाया गया है और इस पर ही कुछ लोगों को आपत्ति है। जितनी कंट्रोवर्सी फिल्म को लेकर हो रही है पंजाब में ड्रग्स की समस्या भी उतनी ही गहरी है। यह अलग बात है कि फिल्म की वजह से लोगों का ध्यान इस समस्या पर गया है।
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एम्स ने करवाई थी एक स्टडी
स्टडी
में
पंजाब
के
10
जिलों
भटिंडा,
फिरोजपुर,
गुरदासपुर,
होशियारपुर,
जालंधर,
कपूरथला,
मोगा,
पटियाला,
संगरूर
और
तरन
तारन
को
शामिल
किया
गया
था।
ये
आंकड़ें
एम्स
की
ओर
से
इसी
वर्ष
जनवरी
में
हुई
एक
स्टडी
में
सामने
आए
थे।
पाक से आती है ड्रग्स
- एम्स की स्टडी पठानकोट आतंकी हमले के बाद कराई गई थी।
- पंजाब में हर वर्ष 7,500 करोड़ रुपए की अफीम की खपत हो जाती है।
- वहीं अगर हेरोईन की बात करें तो यही आंकड़ा 6,500 करोड़ रुपए का है।
- जहां हेरोईन सबसे कॉमन ड्रग्स है तो वहीं अफीम का चस्का भी आम बात है।
- 53 प्रतिशत तक नशेड़ी हेरोईन के आदी तो 33 प्रतिशत को अफीम की लत।
चौंकाने वाली बात है कि हेरोईन की स्मगलिंग पाकिस्तान से सटी सीमा से होती है। पाक इंटंलीजेंस एजेंसी आईएसआई की ओर से ड्रग्स की सप्लाई का आरोप है। पंजाब सरकार की ओर से हुए एक सर्वे के मुताबिक 230,000 लोग नशे के शिकार।यह सर्वे फरवरी और अप्रैल 2015 में कराया गया था।
76
प्रतिशत
युवा
ड्रग्स
का
आदी
- 76 प्रतिशत युवा ऐसे जिनकी उम्रउम्र 18 से 35 वर्ष और जिन्हें नशे की आदत है।
- 56 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो गांवों में रहते हैं और इनमें से 21 प्रतिशत किसान हैं।
- 27 प्रतिशत मजदूर और ऐसे लोग जिन्हें कोई काम नहीं आता, नशे के आदी हैं।
- 15 प्रतिशत बिजनेसमेन भी ड्रग्स और अफीम के नशे के आदी हैं।
- 14 प्रतिशत ट्रक ड्राइवर्स नशे की आदी लोग वे हैं जो ट्रांसपोर्ट के बिजनेस से जुड़े हैं।
- 1,400 रुपए प्रति औसतन एक युवा हेरोइन के लिए खर्च करता है।
- 80 प्रतिशत लोगों ने पंजाब में नशे को छोड़ने की कोशिश की।
- सिर्फ 35 प्रतिशत को ही मदद मिल सकी।
- 75,000 लोग इंजेक्शन के जरिए ड्रग्स लेने के आदी।
अपराध और ड्रग्स
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंसेज यानी एनडीपीएस की ओर से कराए गए सर्वे के कुछ नतीजे भी हैं। एक नजर डालिए इन नतीजों पर। पंजाब में वर्ष 2005 से 2014 के बीच 7,524 क्राइम्स की वजह ड्रग्स थी।