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Emergency Black day: क्यों लगाया गया था देश में 'आपातकाल' और कौन थी 'रूखसाना सुल्ताना'?

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नई दिल्ली, 25 जून। भारतीय लोकतंत्र में 25 जून की तारीख 'ब्लैक डे' के नाम से याद की जाती है क्योंकि इसी दिन साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'आपातकाल' का ऐलान किया था, आज इमरजेंसी को 46 साल पूरे हो गए हैं, आपको बता दें कि देश में साल 1975 से लेकर 1977 तक देश में इमरजेंसी लगी थी और इस दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, आक्रोश, विद्रोह, दहशत और तानाशाही की व्याख्या करते उस दौर में लोग आजाद होकर भी स्वतंत्र नहीं थे, इस बारे में तो साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि इमरजेंसी में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था, इसी कारण आज भी कांग्रेस को आपातकाल के लिए कोसा जाता है।

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 21 महीने का था भारत में आपातकाल

21 महीने का था भारत में आपातकाल

25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक यानी कि 21 महीने भारत में आपातकाल घोषित किया गया था,उस वक्त राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय पीएम इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी थी, स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था, जिसने उस वक्त देश में एक अलग तरह की दहशत और खौफ को भर दिया था।

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क्यों लगाया गया था आपातकाल ?

क्यों लगाया गया था आपातकाल ?

दरअसल आपातकाल के पीछे साल 1971 का चुनाव था, उस साल इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट पर तेज-तर्रार नेता राजनारायण को पराजित किया था लेकिन राजनारायण ने उल्टा इंदिरा गांधी पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा दिया था और उनके खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे, जिसके हाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव निरस्त कर छह साल तक चुनाव लड़ने पर बैन कर दिया था लेकिन इंदिरा गांधी पर सुप्रीम कोर्ट चली गईं, विपक्ष ने विद्रोह शुरू कर दिया और उसके बाद वो उन्होंने 25 जून को इमरजेंसी का ऐलान कर दिया ।

 'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि'

'भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि'

तब इंदिरा ने आकाशवाणी पर एक संदेश दिया था, जिसकी खूब आलोचना हुई थी, उन्होंने कहा कि 'जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के फायदे के लिए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, तभी से मेरे खिलाफ गहरी साजिश हो रही है।' हालांकि विपक्ष समेत तमाम बुद्दिजीवियों ने यही कहा कि इमरजेंसी लगाने के पीछे इंदिरा को अपनी पीएम की कुर्सी बचानी थी। उस वक्त मीडिया, प्रेस सबको प्रतिबंधित कर दिया गया था, तब उस वक्त जयप्रकाश नारायण ने इसे भारतीय इतिहास का सबसे काला वक्त बताया था।

नसबंदी प्रोग्राम ने बिगाड़ा खेल

नसबंदी प्रोग्राम ने बिगाड़ा खेल

इमरजेंसी के दौरान इंदिरा के छोटे बेटे संजय गांधी के नसबंदी प्रोग्राम ने भी लोगों के अंदर दहशत पैदा कर दी थी, कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी कहा था कि उस वक्त लोगों की जबरदस्त नसबंदी हो रही थी, जिसके कारण लोगों के अंदर आक्रोश पैदा हो गया था और जनसंख्या नियंत्रण के लिए किए जारे काम पर काला धब्बा लग गया।

सामने आई ग्लैमर गर्ल 'रूखसाना सुल्ताना'

इसी दौरान एक ग्लैमर गर्ल का नाम सामने आया, जिन्हें देखकर लोग खुश नहीं बल्कि डर जाते थे और वो उस गर्ल का नाम था 'रूखसाना सुल्ताना', जो कि उस वक्त संजय गांधी के करीबियों में से एक थीं, उन्हें गांधी के नसबंदी कैंप की जिम्मा सौंपा गया था लेकिन 'रूखसाना सुल्ताना' को लेकर लोग डरकर छुप जाते थे, उस वक्त 'रूखसाना सुल्ताना' ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं, वो खुद को गांधी परिवार के काफी करीब बताती थीं और उनका उस वक्त काफी दबदबा भी था।

अमृता सिंह की मां हैं 'रूखसाना सुल्ताना'

अमृता सिंह की मां हैं 'रूखसाना सुल्ताना'

लेकिन आपातकाल के समाप्त होते ही 'रूखसाना सुल्ताना' मीडिया और राजनीति से एकदम गायब हो गईं और इसके कुछ वक्त बाद पता लगा कि उन्होंने आर्मी ऑफिसर शविंदर सिंह से शादी कर ली है, जो मशहूर लेखक खुशवंत सिंह के भतीजे थे, लोग इस ग्लैमर गर्ल को भूल गए लेकिन साल 1983 में वो एक बार फिर से सुर्खियों में आई क्योंकि तब उनकी खूबसूरत बेटी अमृता सिंह की पहली फिल्म 'बेताब' रिलीज होने वाली थी लेकिन इस बार वो गांधी परिवार से दूर ही रहीं।

जनता ने सिखाया सबक

जनता ने सिखाया सबक

इमरजेंसी के दौरान सरकार ने जो कुछ भी किया, उसका सबक जनता ने 1977 के चुनाव में कांग्रेस को हराकर दिया, 16 मार्च को हुए चुनाव में इंदिरा और उनके बेटे संजय गांधी दोनों ही बुरी तरह से हार गए और इसके बाद 21 मार्च को आपातकाल खत्म हो गया लेकिन ये देश का सबसे काला वक्त साबित हुआ, जिसका दर्द लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है।

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English summary
It was on June 25, 1975 that former Prime Minister Indira Gandhi had imposed the Emergency and Ruksana Sultana was an Indian socialite known for being one of Sanjay Gandhi's close associates during the state of Emergency in India between 1975 and 1977.
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