कौन हैं महात्मा गांधी- संत या एक काल्पनिक किरदार?
[अजय मोहन] मेरी बेटी ने पूछा, पापा 2 अक्टूबर को छुट्टी है न? मैंने जवाब दिया हां। उसने पूछा क्या है उस दिन? मैंने कहा, उस दिन महात्मा गांधी का बर्थडे है। वो बोली, तो क्या वो हमें इनवाइट करेंगे? मैंने कहा, नहीं बेटा, वो अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हम सब उनका बर्थडे मनाते हैं, पूरा देश उनका बर्थडे मनाता है, वो राष्ट्रपिता हैं...
कुछ देर बात करते-करते मैंने उसे बापू के बारे में बताया। फिर मैंने उसकी आंखों में देखा, मानो वो कल्पना कर रही हो उस व्यक्ति की, जिसकी वजह से आज हम हम हैं। देश के उस व्यक्तित्व की जिसकी कल्पना महात्मा गांधी ने की थी।
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थोड़ा विराम लीजिये, और सोचिये- कौन हैं महात्मा गांधी- एक संत या एक काल्पनिक किरदार? संत, जिनके बारे में हम पढ़ते हैं, जिनके विचारों को का पालन करने के लिये हमसे कहा जाता है या फिर एक किरदार, आज जिसकी महज कल्पना ही की जा सकती है। इन तस्वीरों में आपको संत दिखाई देगा और उसके ठीक नीचे शब्दों में कल्पना और अंत में उलझन से भरा जवाब-
संत या कल्पनिक किरदार
इस स्लाइड में तस्वीरों में आपको संत का रूप दिखेगा और शब्दों में काल्पनिक किरदार नजर आयेगा।
33,981 हत्याओं के बीच कल्पना
कल्पना: देश में 1 लाख पर क्राइम रेट 58.11 है। 2014 में 33,981 हत्याएं हुईा, 41,791 हत्या के प्रयास और 34,530 बलात्कार। जिस देश में 85% हथियार अवैध हों, वहां अहिंसा की कल्पना कैसे कर सकते हैं?
पूर्ण स्वच्छ भारत एक कल्पना
कल्पना: आज घर तो आलीशान साफ-सुथरे रहते हैं, लेकिन गलियों-सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। प्लेटफॉर्म पर केले-मूंगफली के छिलके फेंकने में जरा भी नहीं चूकते। ऐसे में पूर्ण रूप से स्वच्छ भारत अभी कल्पना मात्र ही है।
सांप्रदायिक हिंसा 24% बढ़ी
कल्पना: अयोध्या, मुंबई या गुजरात दंगों पर मत जाइये। अभी 2015 के पहले पांच महीनों को ही देख लीजिये जिसमें सांप्रदायिक हिंसा में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। सांप्रदायिक हिंसा में मौतों में 65% का इजाफा हुआ। सोशल मीडिया पर दूसरे धर्मों के लिये भड़काऊ मैसेज आम बात हैं। देश में सभी धर्मों के लोग प्यार व एकजुट होकर रहें, ऐसा फिलहाल कल्पनाओं में ही सोचा जा सकता है।
एक साल में 34,530 रेप
कल्पना: एनसीआरबी के अनुसार हर रोज देश में 100 से अधिक महिलाओं के साथ बलात्कार होता है। 2014 में 34,530 रेप हुए। छेड़छाड़, मार-पीट, दहेज प्रताड़ना, आदि मिलाकर 337,922 जुल्म सिर्फ महिलाओं पर हुए। भारत में ऐसा कौन सा दिन होगा, जिस दिन एक भी रेप नहीं होगा, किसी बेटी, बहन या बहु पर अत्याचार नहीं होंगे, यह फिलहाल इसकी आप कल्पना ही कर सकते हैं।
प्लीज हमें गलत ठहराइये
कल्पना: देश का कोई राज्य ऐसा नहीं है, जहां पर अतिपिछड़े व नीची जाति के लोग छुआ-छूत का शिकार नहीं हुए हों। सोचिये और अगर कोई राज्य आपके मन में आये तो बताइये। हमें गलत ठहराने पर हम आपका स्वागत ही करेंगे।
136 करोड़ के विदेशी OATS
कल्पना: कोल्ड ड्रिंक्स बाद में पीजियेगा, पहले ओट्स खाइये। भारत में करीब 10 हजार टन ओट्स की खपत है। 136 करोड़ का व्यापार सिर्फ ओट्स से होता है। कमाई ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका करते हैं। भारत में पैदा होने वाले ओट्स बेंगलुरु के रेस-कोर्स के घोड़ों को खिलाया जाता है। जबकि देसी ओट्स उससे ज्यादा पोष्ट्रिक है। अब विदेशी ओट्स के बिना वर्तमान पीढ़ी रह पायेगी? इसकी आप सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं।
सड़ जाता है 12 हजार टन अनाज
कल्पना: यूपीए के राज में 12 हजार टन से ज्यादा अनाज सड़ गया। मोदी सरकार ने भी अभी तक अनाज को सड़ने से बचाने के कोई ठोस उपाये नहीं किये। वो दिन कब आयेगा, जब देश में एक भी व्यक्ति भूखा नहीं सोयेगा? इसकी कल्पना आप भी नहीं कर सकते।
बिना डोनेशन एडमीशन नहीं मिलता
कल्पना: देश के निजी स्कूलों की फीस आसमान छू रही है, बिना डोनेशन एडमीशन नहीं मिलता। सरकारी प्राइमरी स्कूलों के टीचरों का हाल आप जानते हैं। ऐसे में प्रत्येक बच्चे को शिक्षा मिलेगी, इस पर डाउट है।
44% बच्चे अंडर वेट
कल्पना: विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 5 साल से कम आयु के 44% बच्चे अंडर वेट यानी औसत वजन से कम के हैं। 72% नवजात और 52% प्रतिशत महिलाएं एनीमिया यानी खून की कमी के शिकार हैं। अब कल्पना कीजिये स्वस्थ्य भारत की?
68 साल बाद मिला ऐसा पीएम
कल्पना: आजादी के 68 साल बाद जाकर देश को नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसे प्रधानमंत्री मिले हैं, जो प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हिन्दी में भाषण देते हैं। हिन्दी देश की उन्नति से जुड़ेगी, यह कल्पना अब साकार होती दिख रही है, क्योंकि गूगल जैसी कंपनियों ने मोदी के साथ हाथ मिला लिया है।
32 रुपए में काट रहे जिंदगी
कल्पना: देश की 21.9 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे रहती है। गांव में रहते हैं तो 32 रुपए में और शहर में 47 रुपए में एक दिन का खर्च चलाना होता है। कब यह अभिशाप खत्म होगा, इसकी कल्पना अभी नहीं कर सकते।
फिर वो कहेंगे Chill yaar....
कल्पना: देश में तेजी से खुलते पब, बार और क्लब युवा पीढ़ी को किस संस्कृति ओर ले जा रहे हैं, इसकी कल्पना भी आप अभी नहीं कर सकते, अभी सिर्फ मजे लूट सकते हैं। और अगर हम भारतीय संस्कृति की बात उन युवाओं से करेंगे तो एक ही जवाब मिलेगा Just Chill Yaar...
62% भारतीय रिश्वत देते व लेते हैं
कल्पना: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे के तहत 62% भारतीय रिश्वत देते व लेते हैं। दिसंबर 2009 की रिपोर्ट के अनुसार सीडब्ल्यूजी, 2जी, आदर्श, कोयला, आदि में 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले हुए। ऐसी सरकार, जो बिना रिश्वत, बिना भ्रष्टाचार के चले, यह अभी कल्पना मात्र है।
हमें यह लेख नहीं लिखना पड़ता
कल्पना: देश के लगभग सभी नेता लम्बे-लम्बे बाण छोड़ने में माहिर है, लेकिन बात जब कदम बढ़ाने की आती है, तो इंच भर भी नहीं बढ़ाते, अगर बढ़ाते होते तो आजादी के 68 साल बाद हमें यह लेख नहीं लिखना पड़ रहा होता।
क्या कहूं अपनी बेटी से?
मेरे पास इस सवाल का उत्तर नहीं है, क्योंकि अगर मैं उसे उनके आदर्शों के बारे में बताउंगा, तो वो सिर्फ कल्पनाओं में ही जीयेगी, क्योंकि हकीकत फिलहाल बहुत दूर है। अगर संत का रूप दिखाउंगा, तो वह उनके आदर्शों को फॉलो तो करेगी, लेकिन दुनिया उसे उन आदर्शों पर चलने देगी कि नहीं देगी। फिलहाल मैं कल्पना ही कर सकता हूं कि मेरी बेटी गांधी जी के बताये हुए रास्तों पर चले।