जानिए कौन है ज्यादा पावरफुल पाक का F-16 या भारत का सुखोई
नई दिल्ली। गुरुवार को इस्लामाबाद के आसमान में फाइटर जेट एफ-16 ने उड़ान क्या भरी लाहौर से लेकर दिल्ली तक खबरों का बाजार गर्म हो गया।
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सवाल यह उठता है कि अगर पाक सेना अपने पास मौजूद अमेरिकी फाइटर जेट के दम पर इतराती है तो भारत के पास ऐसा कौन सा जेट है जो एफ-16 का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
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जब वर्ष 1999 कारगिल की जंग हुई तो उस समय मिग फाइटर जेट ने दुश्मनों के होश उड़ाए थे। आज के समय में मिग शायद उस स्थिति में नहीं हैं।
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ऐसे में भारत के पास सुखोई 30 पाक के एफ-16 को करारा जवाब दे सकता है। आइए आज हम आपको इन दोनों ही एडवांस्ड जेट्स में मौजूद उन फीचर्स के बारे में बताते हैं जो इन दोनों मल्टीरोल जेट्स को एक-दूसरे से अलग करते हैं।}
दोनों की कीमतें
एफ-16- अमेरिकी फाइटर जेट एफ-16 को जनरल डायनैमिक्स और लॉकहीड मार्टिन मिलकर तैयार करते हैं। एक एफ-16 यूनिट की कीमत 18.8 मिलियन डॉलर के आसपास बैठती है।
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सुखोई-30- रूस के फाइटर जेट सुखोई को सुखोई डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और हिंदुुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी एचएएल ने इसे रूस की ओर से मिले लाइसेंस के बाद रूस के साथ मिलकर तैयार किया। सुखोई की एक यूनिट की कीमत 53 मिलियन डॉलर है।
किसकी कितनी स्पीड
सुखोई- 751 नॉटिकल मील पर न्यूतम और अधिकतम 1,620 नॉटिकल मील तक जा सकता है। सुखोई 14,970 फीट की न्यूनतम और 56,800 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ सकता है। सुखोई की अधिकतम स्पीड 2,120 किमी प्रति घंटा है।
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एफ-16-1,411 नॉटिकल मील तक न्यूनतम और अधिकतम यह 2,280 नॉटिकल मील तक जा सकता है। वहीं न्यूनतम यह 8,170 फीट और अधिकतम 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। एफ-16 कीअधिकतम स्पीड 2,175 किमी प्रति घंटा है।
रडार सिस्टम
सुखोई-30 में एन011एम रडार है जिसकी डिटेक्शन रेंज करीब 140 किमी तक है। वहीं एफ-16 में फिट एपीजी रडार की परफॉर्मेंस को सुखोई से बेहतर माना जाता है। टारगेट का पता लगाने में सुखोई को एफ-16 से बेहतर माना जाता है। वहीं सुखोई में इंस्टॉल पीईएसएस रडार को आसानी से रडार वॉर्निंग सिस्टम पर डिटेक्ट किया जा सकता है। लेकिन एफ-16 की एईएसए के साथ ऐसा नहीं है।
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कितना है दोनों का वजन
वजन के मामले में लॉकहीड मार्टिन का एफ-16 सुखोई से पीछे नजर आता है। सुखोई का वजन 38,800 किलोग्राम है तो वहीं एफ-16 का वजन 21,772 किलोग्राम है।
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कितनी रेंज
अमेरिकी फाइटर जेट एफ-16 की रेंज 3,222 किमी है यानी यह आसानी से इस्लामाबाद से भारत के किसी भी हिस्से को टारगेट कर सकता है। वहीं सुखोई इस मामले में पीछे हैं इसकी रजें सिर्फ 3,000 किमी ही है।
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सुखोई में फिट होगी ब्रह्मोस
इस वर्ष ही सुखोई को ब्रह्मोस के साथ टेस्ट किया गया है और सुखोई ने यह टेस्ट पास कर लिया है। सुखोई को रात में उड़ने की क्षमता से लैस करने के लिए इसे अपग्रेड किया जा रहा है। इसके अलावा जल्द ही इसमें ब्रह्मोस मिसाइल फिट होगी जिसकी रेंज 300 किमी तक है।
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सुखोई में बीवीआर
सुखोई में रडार सिस्टम को और बेहतर करने के लिए इसे बीवीआर यानी बियांड विजुअल रेंज कांसेप्ट से लैस किया जाएगा। यानी अगर सुखोई दुश्मन को घेर लेगा तो उसी समय बीवीआर मिसाइल उसे टारगेट कर लेगी। हालांकि एफ-16 में फिट बीवीआर मिसाइल एएमआरएएमएम को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
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जमीन पर हमला
इस मामले में दोनों ही एयरक्राफ्ट फिट बैठते हैं। जहां सुखोई इंटरनल फ्यूल के साथ कम से कम 8,000 किलोग्राम का वजन ढो सकता है तो एफ-16 भी इतना ही कारगर है।
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फ्यूल क्षमता
एफ-16 की फ्यूल क्षमता करीब 3,175 किलोग्राम है और दो एक्सर्टनल टैंकों में यह करीब 5443 किलोग्राम का फ्यूल ले सकता है। सुखोई साधारणतया 5,090 किलोग्राम का फ्यूल ले सकता है और यह तीन आतंरिक टैंकों में होता है। वहीं एक टैंक अलग होता है। इसकी अधिकतम फ्यूल क्षमता 9,400 किलोग्राम है।
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दोनों के हथियार
एफ-16-
एम61A1
20
एमएम
मल्टीबैरल
की
बंदूक
है
जो
500
राउंड
फायरिंग
कर
सकती
है।
हवा
से
हवा
में
मार
करने
वाली
छह
मिसाइलें
इंस्टॉल
हैं।
हवा
से
हवा
और
हवा
से
जमीन
में
मार
कर
सकने
वाले
पारंपरिक
हथियार।
इलेक्ट्रॉनिक
वॉरफेयर
में
सक्षम
सुखोई-30
30
एमएम
की
सिंगल
बैरल
जीएसएच-301
बंदूक
जो
150
राउंड
ही
फायरिंग
कर
सकती
है।
हवा
से
हवा
में
मार
सकने
वाली
छह
मिसाइलें।
हवा
से
जमीन
में
मार
कर
सकने
वाली
छह
मिसाइलें।
छह
लेसर
गाइडेड
बम।
8,500
किलो
वजन
वाले
क्लस्टर
बम।
80
से
ज्यादा
अनगाइडेड
रॉकेट्स।