क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्या है जेनेवा कंन्वेंशन, जिसकी हर तरफ हो रही है चर्चा

Google Oneindia News

नई दिल्ली। जिस तरह से आज भारतीय वायुसेना के जांबाज विंग कमांडर को पाकिस्तान की सेना ने अपने कब्जे में ले लिया उसके बाद लगाार दिल को चीरने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं। हालांकि विंग कमांडर को लेकर हर तरफ जेनेवा कंन्वेंशन की बात हो रही है और हवाला दिया जा रहा है कि पाकिस्तान को जेनेवा कंन्वेंशन के तहत भारत को सौंपना पड़ेगा। लेकिन विंग कमांडर की जिस तरह की आपत्तिजनक तस्वीरें सामने आई है उसपर भारत ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि यह ना सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के निमयों का उल्लंघन है बल्कि जेनेवा कंन्वेंशन का भी उल्लंघन है। ऐसे में आइए डालते हैं एक नजर आखिर क्या है जेनेवा कंन्वेंशन जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है।

क्या है जेनेवा कंन्वेंशन

क्या है जेनेवा कंन्वेंशन

जेनेवा कंन्वेंशन के तहत युद्ध के समय जो देश युद्ध में शामिल हैं उन्हें इस कंन्वेंशन के नियमों का पालन करना होगा। इस कंन्वेंशन के तहत ना सिर्फ सैनिकों बल्कि आम नागरिकों के साथ भी युद्ध में शामिल देशों को कुछ नियमों का पालन करना होता है। कंन्वेंशन के तहत युद्ध के दौरान बंदी सैनिकों की सुरक्षा के लिए उन्हें कुछ अधिकार दिए गए हैं, इसके तहत उन्हें चोट ना पहुंचाना, घायलों का इलाज कराना आदि शामिल हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में भार ने जेनेवा कंन्वेंशन को स्वीकार किया था और इसे लागू किया गया था। हालांकि इसमे अब तक तीन बार संशोधन किया जा चुका है।

तीन बार हुआ संशोधन

तीन बार हुआ संशोधन

दो बार 1977 में और एक बार 2005 में इसमे संशोधन किया गया था। इस कंन्वेंशन के तहत कुल 196 देश शामिल हैं जिन्होंने इसपर हस्ताक्षर किए थे। जिसमे से 2010 में 170 देशों ने पहले संशोधन के तहत कंन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए, जबकि दूसरे संशोधन के बाद 165 देशों ने इसपर हस्ताक्षर किए थे। तीनों ही संशोधन को प्रोटोकॉल 1, प्रोटोकॉल 2, प्रोटोकॉल 3 के नाम से से जाना जाता है।

कंन्वेंशन 1

कंन्वेंशन 1

जेनेवा कंवेंन्शन 1 के तहत घायल सैनियों की रक्षा की जाएगी। साथ ही सैनिकों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाएगा, उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव रंग, जाति, धर्म, जन्म, के आधार पर नहीं किया जाएगा। ना ही उनका शोषण किया जाएगा, उनके साथ मारपीट की जाएगी, उन्हें बिना कानून न्यायिक फैसले के सजा नहीं दी जाएगी। सभी सैनिकों को इलाज का अधिकार इसमे दिया गया है।

कन्वेंशन 2-3

कन्वेंशन 2-3

कंन्वेंशन 2 के तहत नौसेनिकों को अधिकार दिए गए हैं जिसमे नौसैनिकों को इलाज का अधिकार दिया गया है, यही नहीं जहाज पर बने अस्पताल की रक्षा भी अधिकार दिया गया है। वहीं कंन्वेंशन 3 की मानें तो इसमे युद्ध बंदियों के बारे में जानकारी दी गई है। इसमे कहा गया है कि युद्ध बंदियों को कंन्वेंशन 1 के तहत सही इलाज मुहैया कराया जाएगा, इसमे सैनिकों को सिर्फ अपना नाम, रैंक, सीरियल नंबर ही देना होगा। सैनिकों से अधिक जानकारी लेने के लिए उन्हें टॉर्चर नहीं किया जा सकता है।

कंन्वेंशन 4

कंन्वेंशन 4

कंन्वेंशन 4 के तहत युद्ध के समय आम नागरिको को भी सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इसमे कहा गया है कि युद्ध के समय आम नागरिकों के साथ किसी भी तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाएगा। साथ ही घायल और बीमार सैनिकों के साथ भी किसी तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं किया जाएगा

इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान के कब्जे में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर का बेखौफ जवाब

Comments
English summary
What is Geneva convention full detail.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X