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Vijay Diwas: वो जंग जिसमें PAK के 93000 सैनिकों ने भारत के सामने टेके थे घुटने

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नई दिल्ली। आज पूरा राष्ट्र विजय दिवस मना रहा है, इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी आज वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए सेना के जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया कि विजय दिवस के अवसर पर, 1971 के युद्ध में देश की और मानवीय स्वतंत्रता के सार्वभौमिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए अपनी सशस्त्र सेनाओं को हम कृतज्ञता के साथ याद करते हैं। विशेषकर उस साहसिक अभियान में बलिदान हो गए सैनिकों के प्रति हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

विजय दिवस आज

विजय दिवस आज

तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विजय दिवस के मौके पर 1971 की भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना के जवानों के अदम्य साहस और शौर्य और वीरता की सराहना की और उन्हें नमन किया। आपको बता दें कि 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है तो वहीं बंग्लादेश में इस दिन को 'विक्ट्री डे 'के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है।

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भारत की सेना के सामने 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया

आज के ही दिन भारत की सेना के सामने पाकिस्तान के 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने ढाका में आत्मसमर्पण किया था। कहा जाता है कि आत्मसमर्पण करने से पहले पाकिस्तानी फौज ने बांग्लादेश के 30 लाख से ज्यादा लोगों का कत्लेआम किया था। साल 1971 से पहले बांग्लादेश को पूर्व पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था, जो पाकिस्तान का हिस्सा था। पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) पर भाषा और सांस्कृतिक पांबदिया थोप दी, जिसके कारण पूर्व पाकिस्तान में विद्रोह हो गया। इस पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने कहर बरपाया।

पाकिस्तानी सेना की शर्मनाक हार हुई

बांग्लादेश के लोगों की मदद के लिए भारतीय सेना आगे आई। दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्ध हुआ और 13 दिनों तक युद्ध चलने के बाद पाकिस्तानी सेना की शर्मनाक हार हुई। इस युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना के करीब 90 हजार पाक सैनिकों को बंदी बना लिया था। कहा जाता है कि युद्ध से पहले और युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने करीब दो लाख से ज्यादा महिलाओं के साथ बलात्कार किया। इस लड़ाई में करीब 30 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे, वहीं करीब एक करोड़ लोगों ने भारत में शरण ली थी।

इंदिरा गांधी ने दी थी जीत की खबर

इंदिरा गांधी ने दी थी जीत की खबर

इस युद्ध में भारत ने अमेरिका की धमकी को भी नजरअंदाज किया था। भारत को डराने के लिए अमेरिका ने बंगाल की खाड़ी ने अपनी नौसेना को भी तैनात किया था लेकिन तत्कालीन पीएम इंदिरागांधी ने उसकी एक भी नहीं सुनी। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी संसद भवन के अपने दफ़्तर में एक टीवी इंटरव्यू दे रही थीं तभी जनरल मानेक शॉ ने उन्‍हें बांग्लादेश में मिली शानदार जीत की खबर दी थी, इंदिरा गांधी ने लोकसभा में शोर-शराबे के बीच घोषणा की कि युद्ध में भारत को विजय मिली है., इंदिरा गांधी के इस बयान के बाद पूरा सदन जश्‍न में डूब गया था।

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English summary
Vijay Diwas or Victory Day is commemorated every 16 December in India, as it marks its military victory over Pakistan in 1971 during the war for the independence of Bangladesh from Pakistan.
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