Must Read: मदर टरेसा से जुड़ी खास और अनकही बातें
नई दिल्ली। अपने पवित्र कार्यों और निस्वार्थ सेवा के कारण 20वीं सदी के मानवीय जगत और ईसाई समुदाय में काफी ऊंचा मुकाम हासिल करने वाली मदर टेरेसा रविवार को संत घोषित की जाएंगी।
जानिए पूरी प्रक्रिया.. कैसे बनते हैं संत?
आईये जानते हैं उनके बारे में खास और अनकही बातें..
- मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को अग्नेसे गोंकशे बोजशियु (मेसेडोनिया गणराज्य)के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में हुआ था।
- मदर टेरेसा का वास्तविक नाम 'अगनेस गोंझा बोयाजिजू' था।
- मदर टरेसा रोमन कैथोलिक थीं जिन्हें भारत की नागरिकता मिली हुई थी।
- 1981 ई में आगवेश ने अपना नाम बदलकर टेरेसा रख लिया और उन्होने आजीवन सेवा का संकल्प अपना लिया।
- निस्वार्थ सेवा करने वाली मदर टरेसा ने साल 1950 में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की स्थापना की थी।
- सिस्टर टेरेसा आयरलैंड से 6 जनवरी, 1929 को कोलकाता में 'लोरेटो कॉन्वेंट' पंहुचीं और अध्यापन का काम किया।
- वर्ष 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों, बीमारों और लाचारों की सेवा का संकल्प ले लिया।
जब मदर टेरेसा से मिले केजरीवाल, उनके अनुभव उन्हीं की जुबानी
आगे की बात तस्वीरों में...
नोबेल शांति पुरस्कार
मदर टरेसा को 1970 को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।
भारत रत्न
1980 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया।
मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी
मदर टरेसा की मृत्यु के समय तक मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी 123 देशों में 610 मिशन नियंत्रित कर रही थी।
'समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गॉड'
अपने महान कार्यों और मानवों की सेवा करने के कारण मदर टरेसा देश मे ही नहीं विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो गईं जिसका वर्णन मुगेरिज के कई वृत्तचित्र और 'समथिंग ब्यूटीफुल फॉर गॉड' में किया गया है।
5 सितंबर 1997
हार्ट अटैक के कारण 5 सितंबर 1997 के दिन मदर टैरेसा की मृत्यु हुई थी, उनकी राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टी हुई थी।