Year Ender 2017: ये हैं इस साल के टॉप टेन IPS अधिकारी, जिनकी बहादुरी को दिल से सलाम
नई दिल्ली। साल 2017 अपने अंतिम पड़ाव में हैं और साल 2018 बांहे फैलाकर आपका स्वागत करने के लिए तैयार है, ये वक्त थोड़ा ठहरकर पूरे साल के बारे में सोचने का है , इस साल भी बहुत नए रिश्ते बने हैं तो वहीं इस साल बहुतों का साथ भी छूटा है, अक्सर हम आंकलन इस बात का करते हैं कि हमने क्या खोया और क्या पाया, कभी उनके बारे में नहीं सोचते हैं, जिनकी वजह से हमें अपनी चीजें हासिल होती हैं, जिनके कारण हम सकून की नींद सोते हैं, जी हां हम बात करते हैं प्रशासनिक विभाग की, जिनकी दिन-रात की मेहनत हमें घर में सकून कि जिंदगी देती है।
चलिए देश के उन 10 आईपीएस अधिकारियों को सलाम करते हैं, जिनकी कोशिशों ने इस साल को अद्भुत बनाया..
मनीष शंकर शर्मा
मप्र के सीनियर आईपीएस अफसर आईजी मनीष शंकर शर्मा पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। मनीष शंकर देश के रीयल हीरो में से एक हैं, जिन्होंने अपनी बहादुरी , ईमानदारी और सच्चाई से भारत मां का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। इन्हें मुंबई में नेशनल लॉ डे अवार्ड-2016 से सम्मानित भी किया गया था। शर्मा को यह अवार्ड कानून व्यवस्था कैटेगरी में विश्वव्यापी आतंकवाद को रोकने की दिशा में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिया गया था। मालूम हो कि मनीष शंकर शर्मा 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। ये निदेशक एयरपोर्ट अथॉरिटी, टी बोर्ड ऑफ इंडिया के निदेशक भी रहे हैं।
आर श्रीलेखा
भारत की वीरांगना आर श्रीलेखा केरल की पहली महिला डीजीपी हैं। इन्होंने ये साबित किया कि महिलाएं केवल घर ही नहीं संभाल सकती हैं बल्कि वो दुर्गा बनकर दुश्मनों का संहार भी कर सकती हैं। इनकी बहादुरी के किस्से दूर-दूर तक मशहूर हैं और इसी वजह से इन्हें 'रेड श्रीलेखा' कहा जाता है। ये केवल समर्पित आईपीएस अधिकारी ही नहीं बल्कि एक बहुत अच्छी लेखिका भी हैं। मात्र 26 साल की उम्र में जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनकर इतिहास रचा था। एक बार इन्होंने शराब माफिया का रैकेट पकड़ा था, जिसमें इन्हें माफियाओं ने 1 करोड़ रु देने की पेशकश की थी लेकिन श्रीलेखा ने वर्दी की सच्चाई नहीं छोड़ी इसके बाद इन्हें इनके बेटे को अगवा करने की धमकी भी मिली लेकिन श्रीलेखा ने ईमानदारी का साथ नहीं छोड़ा।
महेश मुरलीधर भागवत
तेलंगाना के महेश मुरलीधर भागवत उस अधिकारी का नाम है, जिसने दु्श्मनों के नाक में दम कर रखा है। अपनी ईमानदारी और बहादुरी के लिए इन्हें 2017 Trafficking in Persons अवार्ड से नवाजा गया है। इन्होंने मानव तस्कर रैकेट का भंड़ाफोड़ करके 250 बच्चों को नर्क से मुक्ति दिलाई है।
आसरा गर्ग
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई), भिलाई ब्रांच के असरा गर्ग की बहादुरी के किस्से तो दूर-दूर तक फैले हैं। तमिलनाडु कैडर के 2004 बैच के आईपीएस असरा गर्ग ने पुलिस की छवि ही लोगों को सामने बदल दी है। इन्होंने साबित किया कि ईमानदारी के दम पर भी अपराधियों के सीने में खौफ पैदा किया जा सकता है।
डीआईजी रूपा डी मुद्गल
लेडी सिंघम के नाम से मशहूर डीआईजी रूपा डी मुद्गल तो सोशल मीडिया का भी काफी लोकप्रिय चेहरा हैं। वो सुर्खियों में तब आई थीं जब उन्होंने जेल में बंद शशिकला की पोल खोली थी। उन्होंने अपने सीनियर, यानी DGP के. सत्यनारायण राव पर ये आरोप लगाया था कि उनके कारण ही जेल में बंद शशिकला को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। शशिकला जिस बैरक में बंद हैं, वहां पर उन्हें एक पर्सनल किचन दिया गया है, उन्होंने बताया कि यह किचन बनवाने के लिए जेल प्रशासन को दो करोड़ रुपये दिए गए थे।यही नहीं डी. रूपा ने ये भी खुलासा किया था कि फर्जी स्टॉंप के जुर्म में बंद अब्दुल करीम तेलगी को व्हीलचेयर चलाने के लिए एक व्यक्ति दिया गया था और यही नहीं जेल में 4 लोगों से वो मालिश करवाता था।ये वो ही डी रूपा हैं, जो कि जब मध्य प्रदेश में बतौर एसपी पोस्टेड थीं, तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को धार्मिक दंगों के चलते गिरफ्तार किया था। मालूम हो कि डी रूपा साल 2000 बैच की आईपीएस अफसर हैं, उनका बचपन कर्नाटक के दावनगेरे शहर में बीता है।
संजुक्ता पराशर
असम की आईपीएस ऑफिसर संजुक्ता पराशर को लोग रानी लक्ष्मीबाई कहते हैं। असम की आईपीएस ऑफिसर संजुक्ता ने 15 महीने में 64 आतंकवादियों को पकड़कर एक नया इतिहास रचा है। मूल रूप से असम निवासी संजुक्ता ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। वे साल 2006 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने सिविल सर्विसेज में 85वीं रैंक हासिल की थी। संजुक्ता ने आईएस ऑफिसर पुरु गुप्ता से शादी की है, जो खुद भी असम-मेघालय में नियुक्त हैं। उनका पांच साल का एक बेटा है।
आरिफ शेख
बस्तर एसपी आरिफ शेख साल के टॉप-10 आईपीएस की लिस्ट में शामिल हैं। आरिफ ने कम्युनिटी पुलिसिंग की बदौलत ग्रामीणों के दिलों में खास जगह बनाई है। इन्होंने लाखों के इनामी खूंखार नक्सली विलास को ढेर कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
रवि कृष्णा, आईपीएस, आंध्र प्रदेश
रवि कृष्णा (आईपीएस, आंध्र प्रदेश0 उस इंसान का नाम है, जो देश के लिए कुछ कर गुजरने का माददा रखते हैं। इन्होंने कर्नूल जिले के कप्पतरेल्ला नामक गांव को गोद लेकर उसे आदर्श गांव बना डाला। इस गांव के 21 लोग उम्रकैद काट रहे थे, इन्होंने लोगों को समझाकर रोजगार दिलवाया। आंध्र प्रदेश का यह आईपीएस अब तक डेढ़ लाख लोगों को नेत्रदान करा चुका है। साल 2006 में तीसरे प्रयास में इन्हें प्रशासनिक सेवा में सफलता मिली थी, इन्हें पूरे देश में 117 वीं रैंक हासिल हुई थी।
डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर
इस साल बुलंदशहर के स्याना में तैनात रहीं डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर भी काफी सुर्खियों में रहीं, इन्होंने साबित किया कि कानून सबके लिए बराबर है। राजा हो या रंक, गलती की है तो सजा तो मिलेगी ही। डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया जब इन्होंने भाजपा नेता के पति का बिना हेलमेट पहने गाड़ी चलाने के जुर्म में चालान काट दिया था, जब जिला पंचायत सदस्य प्रवेश देवी के पति प्रमोद लोधी ने इसका विरोध किया और श्रेष्ठा को धमकाया तो श्रेष्ठा ने इन्हें अरेस्ट कर लिया था और कहा था कि कानून सबके लिए बराबर होता है।
शिवदीप वामन लैंडे
2006 बैच के आईपीएस ऑफीसर शिवदीप ने कई खतरनाक मुजरिमों को पकड़ा है, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किये। उनके कार्यकाल में पटना में अपराध का ग्राफ काफी नीचे चला गया था। छेड़खानी करने वालों के खिलाफ वो सख्त कार्रवाई किया करते थे।
Read Also: मिसाइल से मिसाइल को नष्ट करने वाला चौथा देश बना भारत, इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण