'रामायण सर्किट' से होगा राम से जुड़े पर्यटन स्थलों का विकास
नई दिल्ली। भले ही राम जन्मभूमि का मामला कोर्ट में अटका है लेकिन सरकार 'रामायण सर्किट' के काम में तेजी से कदम बढ़ा रही है। 'रामायण सर्किट' यानी भगवान राम से जुड़े प्रमुख स्थल, जिनमें देश के 15 शहर शामिल हैं, को एक साथ जोड़ने का प्लान है।
आखिर क्या है 'रामायण सर्किट', चलिए जानते हैं विस्तार से............
खास बातें
'रामायण सर्किट' में ऐसे स्थानों का चयन किया गया है जहां से ऐसा विश्वास है कि भगवान् श्रीराम गुजरे थे, इस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गंतव्यों को पीने के पानी, आवास सुविधाओं आदि आधारभूत संरचनाओं से विकसित किया जाएगा।
ये हैं वो 15 शहर....
- अयोध्या
- श्रृंगवेरपुर
- चित्रकूट
- सीतामढ़ी
- बक्सर
- दरभंगा
- नंदीग्राम
- महेंद्रगिरी
- जगदलपुर
- भद्राचलम
- रामेश्वरम
- हंपी
- नासिक
- नागपुर
- चित्रकूट
- सरकार का कहना है कि इससे स्थानीय कारीगरों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- इससे स्थानीय कला और शिल्प को बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार का दावा है कि यह मिथिलांचल जैसे अल्पविकसित क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
योजना का उद्देश्य
यह योजना राज्यों और केंद्र सरकार का एक संयुक्त प्रयास है, इसलिए केंद्र की मोदी सरकार ने अयोध्या, ऋंगवेरपुर और चित्रकूट को मिलाकर रामायण सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए 223.94 करोड़ का बजट पास किया है, जिस पर काम आरंभ भी हो गया है।
रोजगार के अवसर मिलेंगे
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