इबोला वायरस से होने वाली बीमारी के लक्षण
इबोला वायरस के इतिहास को पढ़ा और वो कैसे फैलता है यह भी पढ़ा (PREVIOUS में) अब हम आपको बताने जा रहे हैं इबोला के लक्षण। इसे पढ़ने के बाद आप सतर्क हो सकते हैं और ये बातें जानना जरूरी भी है, ताकि समय रहते डॉक्टर के पास इलाज के लिये जा सकते हैं। इसकी साइकिल 12 दिन तक चलती है।
वायरस के अटैक के बाद पहले तीन दिन में
इबोला वायरस की चपेट में आने के बाद 1 से 3 दिन के बीच तेज़ बुखार आता है। पीड़ित बेहद कमजोर हो जाता है और फ्लू जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। थकान लगने लगती है, मांसपेशियों, सिर और गले में दर्द होता है।
चौथे दिन
चार दिन होने पर हाथ पैरों में चकत्ते पड़ने लगते हैं। त्वचा सफेद होने लगती है। चेहरे पर दाग भी दिखाई देने लगते हैं। आम तौर पर दाग सफेद या हल्के लाल रंग के होते हैं।
पांचवें से सातवें दिन
इस बीच उल्टी दस्त, डायरिया, लो ब्लड प्रेशर, बेचैनी होने लगती है। सिर में तीव्र दर्द और खून की कमी होने लगती है।
8वें से 11वें दिन के बीच में
इंटरनल व एक्सटर्नल ब्लीडिंग होने लगती है। यानी मरीज के मसूड़ों में से रक्त आने लगता है। यही नहीं मल एवं मूत्र में भी रक्त आने लगता है। ऐसे में डब्ल्यूबीसी और प्लेटलेट्स बहुत कम हो जाते हैं और लीवर पर असर पड़ने लगता है। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं करती है। कभी कभी नाक से भी खून आता है।
12वें दिन
बारहवें दिन मरीज कोमा में चला जाता है और अगर दो से तीन दिन के भीतर उसकी मौत हो जाती है।
मलेरिया या टॉयफाइड से कैसे अलग है इबोला
इबोला वायरस डिज़ीस मलेरिया, टाइफाइड और मेनिनजाइटिस से अलग है। लेकिन शुरुआती लक्षण लगभग समान हैं। शुरुआत में जैसे अन्य बीमारियों में होता है, वैसा ही इसमें भी, लेकिन आठ से ग्यारह दिन बीतने पर शरीर के कुछ भाग से रक्त आना, यह लक्षण उनसे अलग है।