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Swami Vivekananda Death Anniversary: 'इंसान को उसके कपड़ों से नहीं बल्कि विचारों से पहचानो'

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नई दिल्ली। स्‍वामी विवेकानंद का नाम लेते ही सिर श्रद्धा से झुक जाता है, नई सोच और 'जो कहो वो कर दिखाने' का जज्बा रखने वाले विवेकानंद एक अभूतपूर्व मानव थे, उन्हीं महान आत्मा की आज पुण्यतिथि है, 4 जुलाई 1902 को मात्र 39 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था, स्‍वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था, स्‍वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्र नाथ दत्त था, वो मात्र 25 साल की उम्र में अपने गुरु से प्रेरित होकर उन्‍होंने सांसारिक मोह-माया त्‍याग दी और संन्‍यासी बन गए थे।

स्‍वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है

स्‍वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है

यूं तो स्वामी जी के बहुत सारे किस्से इंसानों की आंखों को खोल देते हैं लेकिन एक वाकया ऐसा है जिसने देशी ही नहीं बल्कि विदेशियों के भी सिर झुक गया, ऐसा ही एक किस्सा हम आज आपको बताते हैं..बात 1939 की है, जब स्वामी विवेकानंद के एक विदेशी मित्र ने उनके गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस से मिलने का आग्रह किया और कहा कि वह उस महान व्यक्ति से मिलना चाहता है जिसने आप जैसे महान व्यक्तित्व का निर्माण किया है।

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स्वामी जी अपने मित्र को अपने गुरू के पास ले गए...

स्वामी जी अपने मित्र को अपने गुरू के पास ले गए...

यह बात सुनकर स्वामी जी अपने मित्र को अपने गुरू के पास ले गए। लेकिन जब उनके मित्र ने उनके गुरू को देखा तो एकदम हैरान रह गये और अपने आप पर नियंत्रण ना रख पाये और तुंरत उन्होंने कहा कि अरे आपका गुरू ये व्यक्ति कैसे हो सकता है जिन्हें कपड़े पहनने तक का सलीका नहीं है।

देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते हैं

देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते हैं

जिस पर स्वामी विवेकानंद ने बिना गुस्साये विनम्रता पूर्वक मुस्कुरा कर कहा कि मित्र यही तो फर्क है आपकी और मेरी सोच में क्योंकि आप किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आकंलन उसके कपड़े से करते हैं यानी कि आपके देश में चरित्र का निर्माण एक दर्जी करता है लेकिन हमारे देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते है।

सारे जीव स्वयं परमात्मा के अवतार

सारे जीव स्वयं परमात्मा के अवतार

स्वामी विवेकानंद ने हमेशा कहा कि सारे जीव स्वयं परमात्मा के अवतार हैं इसलिए हर व्यक्ति की सेवा करनी चाहिए। विवेकानंद के संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोप में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रसार किया था। भारत में, विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना जाता है। इसलिए पूरा देश उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाता है।

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English summary
A philosopher, a spiritual leader, an orator, a Hindu monk and one of the greatest thinkers, Swami Vivekananda was known for many things and the world on Thursday (July 4) observed his death anniversary.
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