Remembering Sridevi: 'खुदा गवाह' है... बॉलीवुड की बेशकीमती 'नगीना' थीं श्रीदेवी
मुंबई। आज बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार श्रीदेवी का जन्मदिन हैं,आज भी यकीन नहीं होता कि बॉलीवुड की 'चांदनी' हम सबसे इतनी दूर ऐसी जगह चली गई है, जहां से, वो कभी भी लौटकर नहीं आएगी। फिल्मी कैनवस की बेशकीमती 'नगीना' श्रीदेवी ने अपनी खूबसूरत अदायगी से हर किसी को अपना मुरीद बनाया था। 'खुदा गवाह' है कि वो शोख भी थी और चंचल भी, वो मासूम भी थी और संजिदा भी, वो बेहतरीन अभिनेत्री भी थीं और कुशल नृत्यांगना भी।
खो गई बॉलीवुड की 'चांदनी'
रूपहले पर्दे की इस हवा-हवाई सुंदरी का यूं चले जाने से हर किसी को 'सदमा' लगा था। हिंदी और साउथ फिल्मों की मशहूर हस्ती श्रीदेवी ने अपने पूरे 50 साल के सफल करियर में करीब 300 फिल्मों में काम किया था।
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जन्म 13 अगस्त 1963 को
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में एक वकील पिता के घर पर हुआ था। उनकी एक बहन और दो सौतेले भाई हैं। बहन का नाम श्रीलता और भाईयों के नाम आनंद और सतीश हैं।1996 में निर्देशक बोनी कपूर से श्रीदेवी ने प्रेम विवाह किया था, वो बोनी की दूसरी पत्नी थीं, इस शादी से श्रीदेवी को दो बेटियां जाह्नवी और खुशी कपूर हैं।
श्रीदेवी ने बतौर बाल-कलाकार अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी
आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि श्रीदेवी ने बतौर बाल-कलाकार अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। श्रीदेवी ने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ की बहुत सारी फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट का रोल किया था। श्री की पहली हिंदी फिल्म 'सोलहवां सावन' थी।
यश चोपड़ा की मेगा हिट फिल्म 'चांदनी'
उसके बाद उन्होंने जितेंद्र, मिथुन और अमिताभ के साथ एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं लेकिन उन्हें स्टार बनाया यश चोपड़ा की मेगा हिट फिल्म 'चांदनी' ने। इस फिल्म ने वो कर दिखाया जिसकी कल्पना खुद श्रीदेवी को भी नहीं थी।
श्रीदेवी की यादगार फिल्में
सदमा, हिम्मतवाला, जाग उठा इंसान, अक्लमंद, इन्कलाब, तोहफा, सरफरोश, बलिदान, नया कदम, नगीना, घर संसार, मकसद, सुल्तान, आग और शोला, भगवान, आखरी रास्ता, जांबांज, वतन के रखवाले, जवाब हम देंगे, औलाद, नजराना, कर्मा, हिम्मत और मेहनत, मिस्टर इंडिया, निगाहें, जोशीले ,गैर कानूनी, चालबाज, खुदा गवाह, लम्हे, हीर रांझा, चांदनी, रूप की रानी चोरों का राजा, चंद्रमुखी, चांद का टुकड़ा, गुमराह, लाडला, आर्मी, जुदाई, हल्ला बोल, इंग्लिश विंग्लिश और मॉम आदि श्रीदेवी की यादगार फिल्में हैं।
सर्वश्रेठ अभिनेत्री का पुरस्कार
1989 में आई फिल्म 'चालबाज' में श्रीदेवी दोहरी भूमिका में नजर आई थीं जिसके लिए पहले उन्हें फिल्म फेयर सर्वश्रेठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और दूसरा फिल्मफेयर अवार्ड उन्हें यशराज की फिल्म 'लम्हे' के लिए मिला था।
आखिरी फिल्म 'मॉम'
श्रीदेवी ने साल 2012 में गौरी शिंदे की फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' से रूपहले पर्दे पर वापसी की थी, जो की शानदार थी। साल 2017 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म 'मॉम' की थी, जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नेशनल अवार्ड मिला।
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