जानिए लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनमोल विचार
नई दिल्ली। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल केवल आदर्श व्यक्तित्व नहीं बल्कि एक निडर, साहसी, प्रखर इंसान थे, जिन्होंने देश को एक धागे में पिरोने की भरपूर कोशिश की। वो पैदा तो वल्लभ भाई पटेल के रूप में हुए थे लेकिन अपने महान कार्यों के कारण वो हिंदुस्तान के सरदार वल्लभ भाई पटेल बन गए। आपको जानकर हैरानी होगी कि बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने उन्हे सरदार की उपाधि दी थी।
आइए एक नजर डालते हैं सरदार वल्लभ भाई के अनमोल विचारों पर....
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है, विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं
ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, उनके साथ अक्सर मैं हंसी-मजाक करता हूं। जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है।
मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए
मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए, लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा। कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा।
हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये
काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमें मुसीबत होती है मुसीबत में काम करना बहादुरों का काम है, हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये।
मर्यादा का साथ नही छोड़ना चाहिए
बोलते समय कभी भी मर्यादा का साथ नही छोड़ना चाहिए, गालिया देना तो बुजदिलो की निशानी है।
हमारे देश की मिट्टी में कुछ अनूठापन है...
- हमारे देश की मिट्टी में कुछ अनूठापन है तभी तो कठिन बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास स्थान रहा है।
- उतावले उत्साही व्यक्ति से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नही रखनी चाहिए।
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