Republic Day 2018: जानिए गणतंत्र दिवस से जुड़ी बेहद खास बातें
नई दिल्ली। हर भारतीय के लिए 26 जनवरी का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। इस दिन पहली बार हम गणतंत्र हुए थे। ये केवल एक पर्व नहीं बल्कि हमारा गौरव और सम्मान का मानक है। इस बार हमारे गणतंत्र दिवस की परेड को देखने के लिए एक साथ 10 देशों के प्रतिनिधि मुख्य अतिथि के तौर पर आ रहे हैं। इन 10 देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
चलिए जानते हैं इस महान पर्व के बारे में वो जरूरी बातें, जिनकी जानकारी हर भारतीय को होनी चाहिए...
26 जनवरी 1950
- 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था।
- भारत का संविधान एक लिखित संविधान है।
- इस दिन भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
- 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय
- गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं।
- इसके बाद हमारी सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करती है।
- भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
- 26 जनवरी 1950 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
- 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर होने लग गया और यहां सेना परेड करने लग गई।
- गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है। फिर राष्ट्र गान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी होती है।
- 1957 में सरकार ने बच्चों के लिए राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार शुरू किया, जो कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अलग-अलग क्षेत्र में बहादुरी के लिए गणतंत्र दिवस पर दिया जाता है।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार
भव्य परेड का आयोजन होता है
इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए हर साल एक भव्य परेड का आयोजन होता है। इस भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं। परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं। हर प्रदर्शिनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है। है।
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