Qutub Minar: जानिए ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार के बारे में कुछ खास बातें
नई दिल्ली, 24 जुलाई। आज देश के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक कुतुब मीनार जबरदस्त सुर्खियों में है। मंगलवार को साकेत कोर्ट में कुतुब मीनार परिसर में स्थापित कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद मामले में सुनवाई हुई। हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि 'इस परिसर में मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने 27 मंदिरों को ध्वस्त करके मस्जिद बनवाई थी, मस्जिद परिसर पर बने चित्र इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं लेकिन हम वहां कोई मंदिर निर्माण नहीं चाहते हैं लेकिन हां हम वहां पूजा का अधिकार चाहते हैं।'

कोर्ट 9 जून को सुनाएगा फैसला
फिलहाल इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसले के लिए अगले महीने के 9 तारीख का चुनाव किया है। अब कोर्ट क्या फैसला लेती है, ये तो 9 जून को पता चलेगा।
इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर का खूबसूरत उदाहरण
इससे पहले आइए आपको बताते हैं इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर के खूबसूरत नमूने कुतुब मीनार के बारे में कुछ खास बातें, जिन्हें जानना हर एक भारतीय के लिए काफी जरूरी है।
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कुतुब मीनार साउथ दिल्ली के महरौली में स्थित है
- राजधानी दिल्ली की पहचान कुतुब मीनार साउथ दिल्ली के महरौली में स्थित है, जो कि ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है।
- इस मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) है और इसमें 379 सीढ़ियां हैं।

प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक
- दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने12वीं सदी में इसका निर्माण आरंभ किया था, कहा जाता है कि वो इसके जरिए हिंदू शासन का अंत और मुगल शासन का उदय जाहिर करना चाहते थे इसलिए कुछ इतिहासकारों ने इस मीनार को उस शासनकाल का 'विक्ट्री टावर' कहकर संबोधित किया है।
- कुतुबुद्दीन ऐबक के ही नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार रखा गया, हालांकि कुतुबुद्दीन ऐबक के बाद उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसका निर्माण पूरा किया था।
- लेकिन कुछ इतिहासकार मानते हैं इस इमारत का नाम ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया है जो कि बगदाद के लोकप्रिय संत थे और जिन्हें इल्तुतमिश बहुत ज्यादा मानते थे।

युनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया
- ये मीनार लाल बलुआ ईंटों से बनी हुई हैं, इसकी दीवारों पर आपको कुरान की आयतें देखने को मिलेगी।
- कुतुब मीनार परिसर में दो मस्जिदें हैं - कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद और मुगल मस्जिद
- हालांकि नमाज केवल मुगल मस्जिद में ही पढ़ी जाती रही है, कुव्वत उल में नमाज नहीं पढ़ी गई है।
- कुतुब मीनार को युनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।

लौह स्तंभ में जंग नहीं लगी
- इस मीनार परिसर में एक लौह स्तंभ है, जो कि 2000 साल से भी ज्यादा पुराना है लेकिन इसमें जंग नहीं लगी है।
- हर साल लाखों की संख्या में यहां पर पर्यटक आते हैं, अब तो इस मीनार को दखेने के लिए ईटिकट सुविधा मौजूद है।