जानिये 1st April Phool का अनकहा सच
इस दिन को लेकर कई और कहानियां भी प्रचलित हैं, लेकिन हर कथा का मूल उद्देश्य है पूरे दिन को मनोरंजन के साथ व्यतीत करना है। बहुत पहले यूनान में मोक्सर नामक एक मजाकिया राजा था। एक दिन उसने स्वप्न में देखा कि किसी चींटी ने उसे जिंदा निगल लिया है। सुबह उसकी नींद टूटी तो स्वप्न की बात पर वह जोर-जोर से हंसने लगा।
रानी ने हंसने का कारण पूछा तो उसने बताया कि रात मैंने सपने में देखा कि एक चींटी ने मुझे जिंदा निगल लिया है। सुन कर रानी भी हंसने लगी। तभी एक ज्योतिष ने आकर कहा, महाराज इस स्वप्न का अर्थ है, आज का दिन आप हंसी-मजाक व ठिठोली के साथ व्यतीत करें। उस दिन अप्रैल महीने की पहली तारीख थी। बस तब से लगातार एक हंसी-मजाक भरा दिन हर वर्ष मनाया जाने लगा।
अप्सरा ने किसान से दोस्ती की
एक अन्य लोक कथा के अनुसार एक अप्सरा ने किसान से दोस्ती की और कहा- यदि तुम एक मटकी भर पानी एक ही सांस में पी जाओगे तो मैं तुम्हें वरदान दूंगी। मेहनतकश किसान ने तुरंत पानी से भरा मटका उठाया और पी गया। जब उसने वरदान वाली बात दोहराई तो अप्सरा बोली- तुम बहुत भोले-भाले हो, आज से तुम्हें मैं यह वरदान देती हूं कि तुम अपनी चुटीली बातों द्वारा लोगों के बीच खूब हंसी-मजाक करोगे। अप्सरा का वरदान पाकर किसान ने लोगों को बहुत हंसाया। इसी कारण ही एक हंसी का पर्व जन्मा, जिसे हम अप्रैल फूल के नाम से पुकारते हैं।
सनन्ती नामक एक संत थे, जिनकी दाढ़ी जमीन तक लम्बी थी
बहुत पहले चीन में सनन्ती नामक एक संत थे, जिनकी दाढ़ी जमीन तक लम्बी थी। एक दिन उनकी दाढ़ी में अचानक आग लग गई तो वे बचाओ-बचाओ कह कर उछलने लगे। उन्हें इस तरह उछलते देख कर बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे। तभी संत ने कहा, मैं तो मर रहा हूं, लेकिन तुम आज के ही दिन खूब हंसोगे, इतना कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिए।
अप्रैल फूल का नाम जुबान पर आते ही सभी के दिमाग पर एक अप्रैल की तारीख छा जाती है। भले ही आप सभी अपने दोस्तों या करीबियों ...
Posted by फेसबुक हिन्दु सेना on Friday, March 29, 2013