जानिए अशोक सिंघल के बारे में कुछ खास बातें
गुड़गांव। विश्व हिंदू परिषद्(विहिप) के वरिष्ठ नेता अशोक सिंघल ने मंगलवार दुनिया को अलविदा कह दिया। 89 साल के सिंघल पिछले काफी समय से अपने स्वास्थ्य के कारण परेशान थे। सिंघल का अंतिम संस्कार आज दोपहर तीन बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा।
ICU में भी सिंघल को सेहत की नहीं राम मंदिर की थी चिंता
आईये डालते हैं एक नजर अशोक सिंघल के व्यक्तित्व पर..
15 सितंबर 1986
विहिप के कद्दावर नेता सिंघल का जन्म 15 सितंबर 1986 में आगरा के एक संभ्रात परिवार में हुआ था।
पिता सरकारी कर्मचारी
स्वभाव से बेहद ही तेजतर्रार अशोक सिंघल के पिता सरकारी कर्मचारी थे।
मेटाल्यूर्जिकल इंजीनियरिंग
सिंघल ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से मेटाल्यूर्जिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था।
झुकाव आरएसएस की ओर
छात्र जीवन के दौरान ही उनका झुकाव आरएसएस की ओर हो गया था और उन्होंने पढ़ाई के बाद शाखा ज्वाइन कर ली थी।
संगीत में खासी रूचि
बहुत कम लोग जानते हैं कि सिंघल को संगीत में खासी रूचि थी इसी कारण उन्होंने हिंदुस्तानी संगीत की तालीम भी ली थी।
विहिप के संयुक्त महासचिव
सिंघल पहले प्रचारक के तौर पर विहिप से जुड़े और 1981 में मीनाक्षीपुरम धर्मांतरण के बाद सिंघल विहिप के संयुक्त महासचिव बन गए।
दलितों के विशेष 200 मंदिर
सिंघल ने दलितों के धर्मांतरण की मुख्य वजह खोजी और इसलिए इन्होंने विहिप के साथ मिलकर करीब दलितों के विशेष 200 मंदिर बनवाए।
इंदिरा गांधी के खिलाफ
1975 से 1977 तक देश में आपातकाल और संघ पर बैन रहा। इस दौरान सिंघल इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ चले अभियान में शामिल रहे।
रामजन्मभूमि आंदोलन
1981 के बाद सिंघल विहिप के अध्यक्ष बनेलेकिन सिंघल रातों-रात सुर्खियों में तब आये जब देश में रामजन्मभूमि आंदोलन चलाया गया।
महिला का रूप धारण करके
कहते हैं जब 1992 में कार सेवकों को अयोध्या जाने से रोका जा रहा था तो सिंघल ने महिला का रूप धारण करके नाव से अयोध्या पहुंचे थे।