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राखी और चंद्रग्रहण साथ-साथ: क्या करें और क्या ना करें?
नई दिल्ली। 7 अगस्त को भाई-बहन का त्योहार राखी है तो वहीं इस दिन साल का दूसरा चंद्रग्रहण लग रहा है इसलिए राखी बांधने के लिए हम सभी के पास मात्र दो घंटे 52 मिनट का वक्त है।
Raksha Bandhaan 2017: केवल भाईयों को ही नहीं भाभियों को भी बांधिए राखी क्योंकि...
ग्रहण लगने के 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाएगा इसलिए राखी बांधने वालों को खास ख्याल रखना होगा। इस दौरान इंसान को कोई शुभ काम नहीं करने चाहिए क्योंकि कोई भी शुभ काम सूतक में नहीं किया जाता है।
क्या होता है चंद्रग्रहण?
- चंद्रग्रहण वो खगोलीय स्थिति है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं
- चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।
आंखों को नुकसान नहीं होता
- चंद्रग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं।
- चंद्रग्रहण को आप बिना किसी स्पेशल चश्में के खुली आंखों से देख सकते हैं क्योंकि इससे आंखों को नुकसान नहीं होता।
- एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है।
- सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है
- चन्द्रमा या सूर्यग्रहण के काल में कैंची का प्रयोग न करें, फूलों को न तोड़े, बालों व कपड़ों को साफ न करें, दातुन या ब्रश न करें, गाय, भैंस व बकरी का दोहन न करें, भोजन न करें, कठोर शब्दों का प्रयोग न करें, स्त्री प्रसंग न करें, यात्रा न करें तथा शयन करना भी वर्जित माना गया है।
- विशेष- गर्भवती महिलायें ग्रहण काल में एक नारियल अपने पास रखें जिससे कि वायुमण्डल से निकलने वाली नकारात्मक उर्जा का प्रभाव उन पर नहीं पड़ेगा।
- सूतक के समय तथा ग्रहण के समय दान तथा जापादि का महत्व माना गया है. पवित्र नदियों अथवा तालाबों में स्नान किया जाता है।
- मंत्र जाप किया जाता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि का भी महत्व है।
- तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर शुभ तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं।
- ग्रहण का स्पर्श-रात्रि 10 बजकर 53 मिनट पर।
- ग्रहण का मध्य-रात्रि 11 बजकर 51मिनट पर।
- ग्रहण का मोक्ष-रात्रि 12 बजकर 48 मिनट पर।
- ग्रहण का सूतक-7 अगस्त को अपरान्ह 1 बजकर 29 मि0 से प्रारम्भ हो जायेगा।
ग्रहण काल में क्या न करें?
ग्रहण काल में क्या करें?
मध्य और मोक्ष इस प्रकार है-...
कहां-कहां दिखेगा?
भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप के अधिकांश भाग, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग, प्रशान्त महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर और अंटकार्टिका में दृश्य होगा।
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English summary
Lunar Eclipse On Raksha Bandhan 2017. Raksha Bandhan is celebrated in Shravana month during full moon day or Purnima day.
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