बाहुबली नेता राजा भैया का है दबंग अंदाज, घुड़सवारी के शौकीन रघुराज उड़ा चुके हैं हवाई जहाज
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और कुंडा सीट से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की कवायद शुरू कर दी है, खबर है कि उनकी पार्टी का नाम 'जनसत्ता पार्टी' हो सकता है हालांकि उन्होंने अभी तक इसे लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है, माना जा रहा है कि 30 नवंबर को लखनऊ में होने वाली रैली में रघुराज प्रताप सिंह अपनी नई पार्टी का नाम और पदाधिकारियों का ऐलान कर सकते हैं।
राजा भैया का 'जनसत्ता' के जरिए सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने का प्लान
रघुराज प्रताप के करीबी रिंकी सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया में नई पार्टी बनाने को लेकर कैंपेन चलाया गया था, जिसमें ज्यादातर लोगों का मानना था कि किसी भी पार्टी को समर्थन देने के बजाए अपनी पार्टी बनाई जाए इसी के बाद नई पार्टी बनाने का निर्णय किया गया है और इसलिए ही भदरी स्टेट के राजा ने चुनाव आयोग में नई पार्टी के पंजीकरण के लिए आावेदन भी किया है।
26 साल की उम्र में विधायक बने 'राजा भैया'
मात्र 26 साल की उम्र में 1993 में पहली बार कुंडा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत कर यूपी की सियासत में कदम रखने वाले राजा भैया की छवि एक दबंग नेता के रूप में रही हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि रघुराज प्रताप सिंह अपनी पार्टी का गठन करके लोकसभा चुनाव 2019 में अपने उम्मीदवार खड़े कर सकते हैं और तो और राजा भैया के कई उत्साही समर्थक नवगठित पार्टी के नाम के साथ उनकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, फिलहाल सस्पेंस से पर्दा 30 नवंबर को उठेगा।
मुलायम सिंह के बेहद करीबी रहे हैं राजा भैया
पूर्वी यूपी के ठाकुर समुदाय में अपनी खासी पहुंच रखने वाले राजा भैया को सपा और मुलायम सिंह यादव का काफी करीबी माना जाता रहा है। उनके मुश्किल वक्त में मुलायम ही संकटमोचक बनकर उनकी ढ़ाल बने थे। दबंग होने के बावजूद उनके समर्थकों की संख्या भी कम नहीं है, कुछ लोग तो उन्हें मसीहा तक भी कहते हैं, राजसी ठाठ-बाट के शौकीन राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह का जन्म 31 अक्टूबर 1967 को प्रतापगढ़ के भदरी रियासत में पिता श्री उदय प्रताप सिंह और माता श्रीमती मंजुल राजे के यहां हुआ। इनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे।
भदरी की रियासत के मालिक हैं राजा भैया
रघुराज के पिता राजा उदय प्रताप सिंह विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मानद पादाधिकारी रह चुके हैं। इनकी माता श्रीमती मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है। राजा भैया अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य थे जिन्होंने पहली बार राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया।रघुराज प्रताप की प्राथमिक शिक्षा नारायणी आश्रम, इलाहाबाद के महाप्रभु बाल विद्यालय में हुआ। सन 1985 में भारत स्काउट एंड गाइड हाई स्कूल से दसवीं और सन 1987 में इलाहाबाद के एक इंटरमीडिएट स्कूल से बारहवी की पढ़ाई की। लखनऊ विश्वविद्यालय से इन्होंने कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की।
घुड़सवारी और निशानेबाजी के बेहद शौकीन हैं राजा भैया
घुड़सवारी और निशानेबाजी के बेहद शौकीन राजा भैया लखनऊ विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस और भारतीय मध्यकालीन इतिहास में स्नातक हैं। राजा भैया के बारे में कहा जाता है कि वे साइकिल चलाने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने तक का कारनामा कर चुके हैं। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया का विवाह बस्ती रियासत की राजकुमारी भान्वी देवी से हुआ। इनके दो पुत्र शिवराज और ब्रृजराज और दो बेटियां राधवी और ब्रृजेश्वरी है।
( सारी फोटो-Kunwar Raghuraj Pratap Singh " Raja Bhaiya " से ली गई हैं)
राजनीतिक करियर
रघुराज प्रताप सिंह कुंडा की सीट से, निर्दलीय रूप से 1993 में पहली बार विधायक बने थे। तब से वह लगातार अजेय बने हुए हैं। राजा भैया 1993 और 1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित, तो 2002 और 2007, 2012 के चुनाव में एसपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधायक चुने गए। राजा भैया, बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार, एसपी की मुलायम सिंह सरकार और एसपी की अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।