Rajasthan Assembly Elections 2018: हाथ में पूजा का फूल लेकर आखिर राहुल गांधी ने क्यों कहा कि 'मैं हूं कौल ब्राह्मण'?
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पुष्कर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने चुनावी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, इसी सिलसिले में राहुल गांधी ने सोमवार को यहां तीन रैलियां की लेकिन इन रैलियों से पहले राहुल गांधी ने पहले अजमेर शरीफ जाकर चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई तो वहीं इसके बाद पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की, जहां उन्होंने पूजा के दौरान कहा कि 'मैं कौल ब्राह्मण हूं और मेरा गोत्र दत्तात्रेय है।'
राहुल का गोत्र बताने के पीछे ब्राह्मण कार्ड?
जिसके बाद राजनीतिक गलियारे में उनके गोत्र को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं, हालांकि अभी भी विरोधी दल राहुल के ब्राह्मण होने पर उंगली उठा रहे हैं लेकिन सियासत की जानकारी रखने वालों ने कहा है कि ये राहुल गांधी का ब्राह्मण कार्ड है, जो कि उन्होंने चुनावों से पहले राजस्थान में खेला है।
यह भी पढें: कपिल शर्मा ने शेयर की 18 साल पुरानी फोटो, याद किया गुजरा जमाना, तस्वीर देख आप भी मुस्कुरा उठेंगेराजस्थान में ब्राह्मण नेताओं का लंबे समय तक राज रहा है
दरअसल रजवाड़ों की धरती राजस्थान पर ब्राह्मण नेताओं का लंबे समय तक राज रहा है, एक वक्त था जब कांग्रेस पार्टी यहां के ब्राह्मणों की पहली पसंद हुआ करती थी लेकिन वक्त के साथ ये प्रेम धूमिल हो गया जिसके पीछे कारण कांग्रेस का ब्राह्मणों के प्रति उदासीनता रवैया और राजपूत प्रेम रहा। हालांकि अब लगता है कि कांग्रेस को ये बात समझ आ गई है और शायद इसी वजह से राहुल गांधी में यहां हाथ में पूजा के पुष्प लेकर अपने ब्राह्मण होने की बात कही है।
राजस्थान में ब्राह्मण वोटर्स की स्थिति
आपको बता दें कि राजस्थान में 8 पर्सेंट वोट ब्राह्मणों का है, यहां की करीब 30 विधानसभा सीटों का गणित ब्राह्मण बिगाड़ सकते हैं इसलिए कांग्रेस ने ब्राह्मण कार्ड खेलने का दांव चला है क्योंकि हालिया हुए कई सर्वों ने ये साफ किया है कि यहां के ब्राह्मण वसुंधरा सरकार से खासा खुश नहीं है और इसी का फायदा कांग्रेस पार्टी उठाना चाह रही है, पार्टी के पास इस वक्त सीपी जोशी, गिरिजा व्यास और रघु शर्मा जैसे बड़े ब्राह्मण चेहरे हैं, यही नहीं कांग्रेस ने राजस्थान में पार्टी प्रभारी की कमान अविनाश पांडेय के हाथ में देकर ब्राह्मण वर्ग को खुश करने की ही कोशिश की गई है।
आजादी के बाद कांग्रेस के 5 ब्राह्मण सीएम
बताते चलें, आजादी के बाद से लेकर 1990 तक यहां पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने , 1990 में हरिदेव जोशी आखिरी ब्राह्मण सीएम थे, यही नहीं कांग्रेस ने ब्राह्मण समाज से 20 लोगों को इस बार उम्मीदवार बनाया है जबकि पिछले चुनाव में ब्राह्मण समुदाय को 17 टिकट दिए गए थे, अब इस दांव का फायदा कांग्रेस को मिलता है कि नहीं ये तो आने वाला चुनावी परिणाम बताएगा।
ये है राजस्थान में ब्राह्मण सीएम का कार्यकाल
- 1949 से लेकर 1951 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हीरालाल शास्त्री
- 1951 से 1952 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे जयनारायण व्यास मुख्यमंत्री
- मार्च 1952 से अक्टूबर 1952 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे टीकाराम पालीवाल
- नवंबर 1952 से नवंबर 1954 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे जयनारायण व्यास
- अगस्त 1973 से अप्रैल 1977 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हरिदेव जोशी
- मार्च 1985 से जनवरी 1988 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहेहरिदेव जोशी
- दिसंबर 1989 से मार्च 1990 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हरिदेव जोशी