Happy Birthday Mulayam Singh Yadav: जानिए मुलायम सिंह का पहलवानी के 'दंगल' से CM की कु्र्सी तक सफर...
मुलायम सिंह यादव का जन्म ग्राम सैफई जिला इटावा में 22 नवम्बर 1939 को एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. सुघर सिंह यादव अत्यन्त सरल हृदय किन्तु कर्मठ किसान थे।
नई दिल्ली। 'धरती पुत्र' उपनाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव देश की उन राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने अपने बूते फर्श से अर्श तक का शानदार सफर तय किया है।मुलायम सिंह यादव का जन्म ग्राम सैफई जिला इटावा में 21 नवम्बर 1939 को एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. सुघर सिंह यादव अत्यन्त सरल हृदय किन्तु कर्मठ किसान थे। मुलायम ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, बीटी की डिग्री ली। वह जैन इन्टर कालेज करहल मैनपुरी में प्रवक्ता भी रहे। उनका विवाह वर्ष 1957 में श्रीमती सामन्तश्री से हुआ जिनके पुत्र श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम हैं। 28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए।
इसके बाद तो वे 1974, 77, 1985, 89, 1991, 93, 96 और 2004 और 2007 में विधायक बने। मुलायम सिंह जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक भी रह चुके हैं। मुलायम सोशलिस्ट पार्टी और फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक का चुनाव लड़े और एक बार जीते भी।
18 महीनों तक (जून 1975 से जनवरी 1977 तक) इटावा जेल में रहे
मुलायम को 27 जून 1975 को तब गिरफ्तार किया गया था जव वे भालेपुरा नाम के एक गांव में जमीनी विवाद सुलझाने गए थे। गांव में पंचायत चल रही थी उसी दौरान पुलिस ने भालेपुरा को चारों तरफ से घेर लिया और मुलायम सिंह यादव को मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
मुलायम सिंह करीब 18 महीनों तक (जून 1975 से जनवरी 1977 तक) इटावा जेल में रहे। नेता जी ने अपने एक मित्र को लिखी चिट्ठी में इस बात का जिक्र भी किया था। चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, मुझे देश की आजादी की लड़ाई के समय तो जेल जाने का सौभाग्य नहीं मिल पाया था, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं एक तानाशाही सरकार की मुखालफत कर पा रहा हूं।
मुलायम सिंह 80 के दशक तक उत्तर प्रदेश के एक प्रभावशाली और ताकतवर नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। मुलायम जब राजनीति के शिखर पर थे उस वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ। पहली ही मुलाकात में नेताजी अपने से 20 साल छोटी साधना को अपना दिल दे बैठे।
मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक गुप्ता (अब प्रतीक यादव) को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई। 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से मुलायम से साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और इस बार मुलायम उनकी बात मानने के लिए तैयार हो गए।
14 साल की उम्र में ही मुलायम के राजनीतिक तेवर उस वक्त देखने को मिले, जब उन्होंने राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर 'नहर रेट आंदोलन' में भाग लिया और पहली बार जेल गए। डॉ. लोहिया ने फर्रुखाबाद में बढ़े हुए नहर रेट के विरुद्ध आंदोलन किया था और जनता से बढ़े हुए टैक्स न चुकाने की अपील की थी। इस आंदोलन में हजारों सत्याग्रही गिरफ्तार हुए। इनमें मुलायम सिंह यादव भी शामिल थे।
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