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पद्मभूषण महाकवि गोपाल दास 'नीरज' को था इस बात का मलाल

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नई दिल्ली। पद्मभूषण महाकवि गोपाल दास 'नीरज' ने गुरुवार शाम दुनिया से विदाई ले ली। उनके निधन से आज साहित्य का कैनवस सूना और लेखनी खामोश हो गई है। मनमोहिनी रचनाओं से लोगों के दिलों पर राज करने वाले गोपाल दास 'नीरज' देश के वो पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया था। पहले उन्हें पद्म श्री मिला और उसके बाद उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, यही नहीं, फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

नहीं रहे पद्मभूषण महाकवि गोपाल दास 'नीरज'

नहीं रहे पद्मभूषण महाकवि गोपाल दास 'नीरज'

उन्हें महाकवि कहा जाता था, वो देश के नामचीन कवियों में से एक थे, जिनके नाम पर कवि सम्मेलनों में भारी भीड़ जुटा करती थी लेकिन इतने सम्मान और प्रेम के बाद भी उनके दिल में एक कसक रह गई थी, जिसका जिक्र वो अक्सर अपने इंटरव्यू में किया करते थे।

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कालजयी रचना नहीं लिख पाने का मलाल...

कालजयी रचना नहीं लिख पाने का मलाल...

नीरज ने कहा था कि उनको लोग सुनते हैं, उन्हें सम्मान देते हैं, जिसके लिए वो तहे दिल से आभारी हैं लेकिन उन्हें दुख है कि जयशंकर प्रसाद की कामायनी, तुलसी के रामचरितमानस की तरह कोई कालजयी रचना नहीं लिख सके। ऐसी रचनाओं के लिए शांति चाहिए होती है जो कि उनके जुझारू जीवन ने प्रदान नहीं की।

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 आंगन में एक दरख्त पुराना नहीं रहा....

आंगन में एक दरख्त पुराना नहीं रहा....

गोपाल दास 'नीरज' के जाने से आज पूरा साहित्य जगत दुखी और मायूस है, हर किसी ने उन्हें अपनी तरह से श्रद्धांजलि दी है। मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने अपने शेर से नीरज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा,'वो जा रहा है घर से जनाजा बुजुर्ग का, आंगन में एक दरख्त पुराना नहीं रहा।'

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कारवां गुज़र गया-अलविदा नीरज दादा।

कारवां गुज़र गया-अलविदा नीरज दादा।

तो वहीं कवि कुमार विश्वास ने अपने फेसबुक की डीपी में नीरज जी की तस्वीर लगाई है और भावुक पोस्ट लिखा है, जिसका शीर्षक है कारवां गुज़र गया-अलविदा नीरज दादा। जिसमें उन्होंने लिखा है राष्ट्रकवि दिनकर ने उन्हें हिंदी की वीणा कहा था ! वाचिक परंपरा के वे एक ऐसे सेतु थे जिस पर चलकर, महाप्राण निराला,पंत,महादेवी,बच्चन,दिनकर, भवानी प्रसाद मिश्र की पीढ़ी के श्रोता मुझ जैसे नवांकुरों तक सहज ही पहुंच सके।

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English summary
Hindi poet Gopaldas Neeraj passed away this evening at the AIIMS trauma centre. He was 93.Here his Some Unknown Facts about Him .
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