'नीरज' ने घोली थी.....शोखियों में मोहब्बत, ये हैं उनके लिखे कुछ Super Hit Songs
नई दिल्ली। पद्मभूषण गीतकार और कवि गोपालदास नीरज ने गुरुवार शाम दुनिया को अलविदा कह दिया। लंबे समय से बीमार चल रहे देश के महान कवियों में से एक कवि नीरज ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कल शाम अंतिम सांस ली। 93 वर्ष के नीरज सीने के संक्रमण से ग्रस्त थे।
नीरज भले ही आज हमारे बीच में उपस्थित नहीं हैं लेकिन अपनी बेहतरीन लेखनी और मशहूर गीतों की वजह से वो हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
आइए डालते हैं एक नजर उनके लिखे कुछ मशहूर गीतों पर...
मशहूर फिल्म कन्यादान का..... लिखे जो खत तूझे......गीत नीरज ने ही लिखा था, मोहम्मद रफी की आवाज में गाया ये गीत आज भी लोगों को गुदगुदा जाता है।
नीरज मां सरस्वती के उस उपासक का नाम है, जिनके लिखे एक-एक शब्दों में जबरदस्त आकर्षण था, जिसका नतीजा ये है कि आज भी उनके लिखे गानों पर दुनिया मंत्रमुग्ध हो जाती है।
नीरज को फिल्म जगत में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये 70 के दशक में लगातार तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे।
फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले गाने हैं-'काल का पहिया घूमे रे भइया! ( चन्दा और बिजली-1970), ' बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं (पहचान-1971) और 'ए भाई! ज़रा देख के चलो'(मेरा नाम जोकर-1972)।
नीरज वो पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से।
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