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जानें कौन हैं दाऊदी बोहरा, जिनके समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम नरेंद्र मोदी

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इंदौर। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इंदौर में दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के 53वें धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया, बोहरा समाज के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई पीएम उनके धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज नंगे पांव मस्जिद में प्रवेश किया और मजलिस में शामिल हुए, उन्होंने बोहरा समुदाय की तारीफ करते हुए उनकी राष्ट्रभक्ति को देश के लिए मिसाल बताया।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर बोहरा हैं कौन, जिनके धार्मिक कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री ने शिरकत की है...

कौन हैं बोहरा?

कौन हैं बोहरा?

आमतौर पर मुस्लिमों के दो ही वर्ग के बारे में लोगों को पता है और वो वर्ग हैं शिया और सुन्नी लेकिन इन दोनों वर्गों के अलावा इस्लाम के अनुयायीगण 72 फिरकों में बंटे हुए हैं इन्हीं 72 फिरकों में से एक है बोहरा मुस्लिम समुदाय, जिसमें शिया और सुन्नी दोनों ही होते हैं। शिया बोहरा दाऊदी के कानून का पालन करता है, जबकि सुन्नी बोहरा हनफी इस्लामिक कानून का पालन करता है।

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क्या है बोहरा' का अर्थ?

क्या है बोहरा' का अर्थ?

दरअसल 'बोहरा' गुजराती शब्द 'वहौराउ', अर्थात 'व्यापार' का अपभ्रंश है, ये 11वीं शताब्दी में उत्तरी मिस्र से धर्म प्रचारकों के माध्यम से भारत आए थे। 1539 के बाद भारत में इसका अपना मुख्यालय स्थापित हो गया था लेकिन इसके कुछ वक्त बाद ही ये समुदाय दो हिस्सों में बंट गया, ये विभाजन हुआ दाऊद बिन कुतब शाह और सुलेमान के अनुयायियों के बीच, जिसके बाद सुलेमान चीफ तो यमन में रहते है लेकिन दाऊदी बोहराओं का मुख्यालय मुंबई में है।

भारत में 15 लाख केवल दाऊदी बोहरा

भारत में 15 लाख केवल दाऊदी बोहरा

भारत में बोहरा समुदाय की संख्या 20 लाख के आस-पास बताई गई है, जिनमें से 15 लाख केवल दाऊदी बोहरा हैं, इस समुदाय की पहचान काफी समृद्ध, संभ्रांत और पढ़े-लिखे लोगों के रूप में होती है, इस समुदाय के ज्यादातर लोग व्यापारी हैं, ये मुख्य रूप से मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, जामनगर, राजकोट, दाहोद, पुणे ,नागपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, उज्जैन, इन्दौर, शाजापुर, में निवास करते हैं, इसके अलावा इनकी कुछ प्रजाति पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका, दुबई, ईराक, यमन और सऊदी अरब में भी है। ये अपने आपको दूसरे मुस्लिमों से बेहतर समझता है।

सैयदना डॉ. मुफद्दल सैफुद्दीन

सैयदना डॉ. मुफद्दल सैफुद्दीन

बोहरे सूफियों और मजारों पर खास विश्वास रखते हैं, दाई-अल-मुतलक दाऊदी बोहरों का सर्वोच्च आध्यात्मिक गुरु पद होता है। 52वें दाई-अल-मुतलक डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन थे, उनके निधन के बाद जनवरी 2014 से बेटे सैयदना डॉ. मुफद्दल सैफुद्दीन ने उनके उत्तराधिकारी के तौर पर 53वें दाई-अल-मुतलक के रूप में जिम्मेदारी संभाली है।

पहनावे में भी अंतर

पहनावे में भी अंतर

  • इन पहनावा भी और मुस्लिमों से अलग है, इस समुदाय की महिलाएं काले रंग के बुर्के की जगह रंगीन बुर्के पहनती हैं, जो कि लाल, नीले, हरे या गुलाबी होते हैं।
  • ये जींस और वेस्टर्न कपड़े भी पहनती हैं।
  • बोहरा महिलाएं रिदा पहनती हैं जिसमें महिलाओं का चेहरा नहीं ढका होता है जबकि पुरूष वर्ग पैंट-शर्ट से लेकर कुर्ता-पैजाम पहनते हैं और दाढ़ी रखते हैं।
  • एकता का प्रतीक

    बोहरा समुदाय की एक खास बात है उनकी एकता, वे जमीन पर बैठकर एक बड़ी सी थाल में एक साथ खाते हैं, बिना पूछे कोई नया शख्स उनकी थाली में उनके साथ खा सकता है लेकिन समुदाय के कुछ नियम बहुत सख्त है, जैसे इस समुदाय के हर शक्स के पास अपना एक आईडी कार्ड होना आवश्यक है। इन्हें अपने गुरू की हर बात माननी जरूरी है, वो ही शादी से लेकर दफन होने तक के नियम बनाते हैं।

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English summary
Today, Pm Narendra Modi Attends Dawoodi Bohra Programe In Indore, Madhya Pradesh. Read Important facts about This community.
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