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स्वामी विवेकानंद और पीएम मोदी: एक वो नरेन्द्र और एक ये नरेन्द्र...

पीएम मोदी ने कहा कि हम महान स्वामी विवेकानंद को नमन करते हैं और उनके शक्तिशाली विचारों और आदर्शों को याद करते हैं जो आज भी पीढ़ियों के मार्ग दर्शन का काम कर रहा है।

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नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 वर्ष पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छात्रों के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

अंग्रेजी भाषा पर स्वामी विवेकानंद का था बेहतरीन कमांड लेकिन मिले थे काफी कम नंबरअंग्रेजी भाषा पर स्वामी विवेकानंद का था बेहतरीन कमांड लेकिन मिले थे काफी कम नंबर

उन्‍होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि हम महान स्वामी विवेकानंद को नमन करते हैं और उनके शक्तिशाली विचारों और आदर्शों को याद करते हैं जो आज भी पीढ़ियों के मार्ग दर्शन का काम कर रहा है।

'अगर इच्छा शक्ति प्रबल तो कुछ भी मुश्किल नहीं'

नई सोच और नए विचारों का संचार करने वाले विवेकानंद ने समाज में ये संदेश दिया कि अगर इच्छा शक्ति प्रबल हो और लगन साथ हो तो इंसान पत्थर से भी दूध की नदियां बहा सकता है, मतलब कहने का ये है कि अगर इंसान आत्म विश्वास के साथ आगे बढ़े तो हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। कुछ इसी तरह के विचार हमारे पीएम नरेन्द्र मोदी के भी है।

'चायवाले वाला पुत्र आज देश का पीएम'

ये मोदी की सच्ची लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति ही है, जिसके बूते एक चायवाले वाला पुत्र,आज सवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश का पीएम है। पीएम बनने से पहले वो गुजरात के सिरमौर थे।

'मोदी संन्यासी बनना चाहते थे'

संन्यासी बनने की इच्छा रखने वाले मोदी राजनीति में कैसे आए, इस बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है, उनकेे करीबी बताते हैं कि संन्यासी बनने के चक्कर में नरेंद्र मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर छोड़कर चले गए थे और अपने इस अज्ञातवास के दौरान मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे।

'स्वामी विवेकानंद के विचारों ने बदली मोदी की सोच'

इसी दौरान उन्हें स्वामी विवेकानंद के विचारों को जानने और समझने का मौका मिला जिसका असर उनके दिमाग पर काफी गहरा हुआ, स्वामी जी के बताए रास्तों को जानने के बाद ही मोदी घर लौटे थे और फिर देश की दशा और दिशा को बदलने का संकल्प लेकर जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया था। विवेकानंद का असर उनपर किस हद तक है, इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने गुजरात में 'विवेकानंद युवा विकास यात्रा' निकाली थी।

'विचारों के नए अंकुर से ही बदलेगी तस्वीर'

स्वामी विवेकानंद ने हमेशा कहा कि देश का विकास तभी होगा जब उसमें विचारों के नए अंकुर फूटेंगे इसलिए युवा जोश को बढ़ावा दो क्योंकि उनमें ऊर्जा होती है, उन्हें बड़ों का मार्गदर्शन और सानिध्य मिलना चाहिए लेकिन कोशिश उनकी होनी चाहिए और यही बात पीएम मोदी भी कहते हैं और इसी कारण वो युवाशक्ति को बढ़ावा देते हैं।

पीएम मोदी को बतौर पीएम काफी कुछ साबित करना बाकी है

खैर स्वामी विवेकानंद किसी भी परिचय के मोहताज नहीं लेकिन पीएम मोदी को बतौर पीएम काफी कुछ साबित करना अभी बाकी है, अगर विवेकानंद की तरह वो देश को विकास के पहिए पर नई उड़ान भरवा सके तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता लेकिन इसमें वक्त लगेगा।

दोनों के ही नाम में 'नरेन्द्र'

वैसे मोदी और स्वामी जी में एक और सुखद कनेक्शन है और वो ये कि दोनों ही लोगों का नाम नरेन्द्र हैं। गौरतलब है कि विवेकानंद का मूल नाम नरेंद्र नाथ दत्त है तो वहीं पीएम मोदी का पूरा नाम है नरेन्द्र दामोदर दास मोदी।

Comments
English summary
BJP general secretary Ram Madhav and Union minister Jayant Sinha on Tuesday likened Narendra Modi to the revered spiritual leader Swami Vivekananda, saying the two share same traits such as courage and giving hope to people.
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