डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था- बेटियों को सीता नहीं द्रोपदी का उदाहरण दो, जानिए उनके 10 अनमोल विचार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें याद किया। इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट भी किया,जिसमें उन्होंने कहा कि उनके विचार हमेशा देश को प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने कहा, प्रखर समाजवादी चिंतक और लोकप्रिय राजनेता डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। सामाजिक सशक्तिकरण और सेवा भाव से जुड़े उनके विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।
डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती आज, पीएम मोदी ने किया याद
मालूम हो कि डॉ. राम मनोहर लोहिया देश के उस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम है, जो एक नई सोच और प्रगतिशील विचारधारा के मालिक थे। उनके सिद्धांत और बताए आदर्श आज भी लोगों के अंदर एक नई ऊर्जा भरते हैं।
आइए जानते हैं देश के इस महान, प्रखर चिन्तक और समाजवादी राजनेता को विस्तार से...
भारतीय नारी की आदर्श सीता नहीं बल्कि द्रौपदी होनी चाहिए..
- आज के समय में भारतीय नारी की आदर्श सीता नहीं बल्कि द्रौपदी होनी चाहिए।
- जिन्दा कौमे किसी भी बदलाव के लिए 5 साल का इंतजार नहीं करती।
- समाजवाद के जरिये दरिद्रता का बंटवारा नही बल्कि समृद्धि का आपसी वितरण है।
- अंग्रेजो ने सिर्फ बंदूक की गोली और अंग्रेजी बोली के बल पर हम पर राज किया।
यह पढ़ें: बॉक्सर विजेंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांगा उनका ताली-थाली वाला Video, किया ये Tweet
जाति अवसरों को बाधित करती है...
- जाति अवसरों को बाधित करती है और अवसर न मिले तो हमारी योग्यता भी कुंठित हो जाती है और यही कुंठित अवस्था हमारे आने वाले अवसरों को भी बाधित कर देती है।
- जितने अंग्रेजी अखबार भारत में छपते है उतना तो अंग्रेजो के देश में भी नही छपते है अंग्रेजी का दबदबा इतना कही नहीं है जिस कारण से भारत आज आजाद होते हुए अंग्रेजी का गुलाम है।
- जो ज्यादा बोलते है वे क्रांति नही कर सकते है और ना ही ज्यादा कार्य कर सकते है क्रांति के लिए तेजस्विता की जरूरत होती है।
|
'हमें अपना काम करते रहना चाहिए, वहां भी जहां इसकी कद्र ना हो'
- भारतीय जीवन आज भी जाति के बधी सीमओं के अंदर ही चलती है।
- भारत में जाति एक ऐसा अभेद किला बन गया है जिसे तोड़ नही सकते हैं।
- हमें अपना काम करते रहना चाहिए, वहां भी जहां इसकी कद्र ना हो।