#PChidambaram: जानिए क्या होता है लुकआउट नोटिस?
नई दिल्ली। कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है, मंगलवार दोपहर से ही उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है और ईडी-सीबीआई उनके घर का चक्कर काट रही है, दिल्ली हाईकोर्ट से INX मीडिया केस में राहत ना मिलने के बाद से ही चिदंबरम गायब हैं, उनका फोन भी स्विच ऑफ है, इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है, जबकि सीबीआई की एक टीम उनके आवास पर डेरा डाले हुए है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर लुकआउट नोटिस क्या होता है और ईडी ने इसे चिंदबरम के लिए क्यों जारी किया...
क्या होता है लुकआउट नोटिस?
दरअसल लुक आउट सर्कुलर या लुक आउट नोटिस एक सर्कुलर लेटर है, जिसका इस्तेमाल आव्रजन अधिकारियों द्वारा किसी आरोपी व्यक्ति को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए किया जाता है, इसके अलावा इस लुक आउट नोटिस से भागे हुए अपराधियों का पता लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
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आव्रजन जांच
- लुक आउट नोटिस का उपयोग अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों या समुद्री क्षेत्र, बंदरगाहों) पर आव्रजन जांच में किया जा सकता है।
- लुक आउट नोटिस जारी करने वाली एजेंसी से अनुरोध मिलने पर आव्रजन अधिकारी आरोपी व्यक्ति को हिरासत में भी ले सकते हैं।
- लुक आउट नोटिस जारी करने वाली एजेंसी के लिए जरूरी है कि जिस व्यक्ति के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है उसकी पूरी पहचान एक पहले से तय फॉर्मेट में देना जरूरी है।
- लुक आउट नोटिस जारी होने की तारीख से एक वर्ष तक वैलिड होता है।
- यदि नोटिस जारी करने वाली एजेंसी इस नोटिस का पीरियड बढ़ाना चाहती है तो वह एक वर्ष की अवधि समाप्त होने से पहले ऐसा कर सकती है।
- लुकआउट नोटिस जारी करने का अधिकार भारत सरकार में उप सचिव, ज्वाइंट सेक्रेटरी और जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक के पास होता है।
एक वर्ष तक वैलिड
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