इस महिला दिवस पर मिलिए दुनिया की कुछ ब्यूटी विद ब्रेन वाली महिलाओं से
आठ मार्च 2017 को दुनियाभर में मनाया जा रहा है 106वां अंतराष्ट्रीय महिला दिवस। वर्ष 1900 से हर दिन आठ मार्च को लैंगिक समानता की आवाज बुलंद करते हुए इस दिन को मनाया जाता है।
नई दिल्ली। आठ मार्च यानी वह दिन जब पूरी दुनिया बिजी शेड्यूल में से कुछ समय निकालकर अपने आसपास मौजूद महिलाओं और उनकी मौजूदगी को सलाम करती है। आठ मार्च 2017 को दुनिया 105वां अतंराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है। यूं तो रोजमर्रा की जिंदगी में आप महिलाओं के योगदान को कभी नहीं आंक सकते हैं लेकिन यह एक दिन ऐसा होता है जब दुनिया की सभी महिलाओं के योगदान को सराहा जाता है। पहला महिला दिवस वर्ष 1900 में शुरू हुआ और उस समय इसे स्त्री और पुरुषों में मौजूद भेदभाव को खत्म करने के लिए मनाया गया था। समय बीतता गया और आज इसे राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर महिलाओं की उपलब्धियों के जश्न के तौर पर मनाने लगे हैं।
कैसे आया महिला दिवस अस्तित्व में
यह कह पाना मुश्किल है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई लेकिन मानते हैं कि वर्ष 1908 में इसकी पहली झलक मिली थी। उस समय करीब 15,000 महिलाओं ने अपने मताधिकार, अच्छी सैलरी और काम करने के कम घंटों की मांग करते हुए न्यूयॉर्क सिटी में मार्च किया था।1908 के एक वर्ष बाद 28 फरवरी को अमेरिका ने पहला नेशनल वीमेंस डे मनाया जिसका ऐलान अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी की ओर से किया गया था। इसके बाद वर्ष 1910 में क्लारा जेटकिन जो कि जर्मनी के सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की लीडर थीं उन्होंने अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि हर देश को महिलाओं की मांग को आगे बढ़ाते हुए उनके लिए एक दिन तय करना चाहिए। वर्ष 1913 को यह फैसला किया गया कि हर वर्ष आठ मार्च को महिला दिवस मनाया जाएगा।यूनाइटेड नेशंस ने वर्ष 1975 में इस दिन को मान्यता दी।
डॉक्टर उरजला वोन डेर लायन
जर्मनी के इतिहास में पहली महिला रक्षा मंत्री 59 वर्षीय उरजुला वर्ष 2013 में रक्षा मंत्री बनी थीं और एक डॉक्टर रह चुकी हैं। पिछले दिनों जब वह सऊदी अरब के दौर पर गईं तो उन्होंने हिजाब पहनने से साफ मना कर दिया था। उरजुला ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि जर्मनी में महिलाओं के लिए अच्छी शिक्षा के बाद अच्छी नौकरी की वकालत तो की जाती है लेकिन मां बनने के बाद महिलाओं को घर में ही रहने को मजबूर होना पड़ता है। एक राजनीतिक घराने से आने वाली उरजला सात बच्चों की मां हैं और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वह चांसलर एंजेला मार्केल के बाद जर्मनी की अगली चांसलर बन सकती हैं।
मारिया जाखारोवा
रूस के विदेश मंत्रालय की पहली महिला प्रवक्ता मारिया जाखारोवा जो उस समय पहली बार चर्चा में आई थीं जब उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अधिकारी को सार्वजनिक मंच पर सबके सामने 'शट अप' कहा था। एक प्रेस कांफ्रेंस में मारिया ने अमेरिका और ओबामा को जमकर सुनाया था। मारिया ने कहा था कि अमेरिका बेहतर होगा पहले अपने गिरेबान में झांके और तब कुछ कहे। उन्हें 10 अगस्त 2015 को इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके साथ ही वह रूस के इतिहास में पहली महिला बन गई हैं जिन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। मारिया एक न्यूजपेपर की सफल एडीटर रह चुकी हैं और आज वह सोशल मीडिया की सेलेब्रिटी हैं।
एनम गंभीर
वर्ष 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद यूनाइटेड नेशंस का संयुक्त अधिवेशन हुआ और यहां पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने देश को आतंकवाद का पीड़ित बताकर आतंकवाद के लिए भारत को ही दोष दे डाला। उनके भाषण के बाद एक नाम सामने आया जिसने नवाज को करारा जवाब दिया और यह नाम था एनम गंभीर का। गंभीर ने कहा कि आज भारत और उसके पड़ोसी देश जिन हालातों का सामना कर रहे हैं, उसकी वजह पाकिस्तान से लंबे समय से आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियां हैं। एनम ने एबट्टाबाद और ओसामा बिन लादेन का जिक्र भी किया। और नवाज की स्पीच को 'पाखंडी' करार दिया। जिस उरी आतंकी हमले का जिक्र नवाज भूल गए थे, एनम ने इसका भी जिक्र किया।
इंवाका ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इंवाका ट्रंप जिनके बारे में ट्रंप कह चुके हैं कि अगर वह उनकी बेटी नहीं होती तो वह उन्हें डेट कर रहे होते। ट्रंप को चुनावी जंग में विजय दिलवाने से लेकर उनके पहले स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस में इंवाका ट्रंप का असर नजर आया। ट्रंप ने पिछले दिनों अमेरिकी कांग्रेस में जो भाषण दिया कहा गया कि इंवाका की वजह से ही इस भाषण में उनके तेवर कुछ नरम थे। इंवाका के पति जेरार्ड कश्नर आज व्हाइट हाउस में सलाहकार हैं और ट्रंप को कई नीतियों पर सलाह देते हैं। इंवाक एक सफल बिजनेसवुमन हैं और रियल्टी शो भी कर चुकी हैं। वह ट्रंप की पहली पत्नी इवाना की बेटी हैं।
मिशेल ओबामा
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी और अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल जिनकी तारीफ खुद ओबामा ने कई मौकों पर की। मिशेल अमेरिकी इतिहास की पहली ऐसी प्रथम महिला रहीं जिन्हें राष्ट्रपति के बराबर ही सम्मान और प्यार मिला। जिनके भाषणों को लोगों ने पति ओबामा के भाषणों की ही तरह पसंद किया। ओबामा ने खुद अपने आखिरी संबोधन में कहा था कि मिशेल ने एक ऐसे रोल को निभाया जिसके लिए उन्होंने कभी कोई मांग नहीं की थी और दुनिया में खुद अपना एक मुकाम बनाया। मिशेल आज दुनिया में कई लड़कियों और महिलाओं की आदर्श हैं। लोग उन्हें सिर्फ उनके फैशन सेंस की वजह से ही नहीं जानते हैं बल्कि उनकी बुद्धिमता और उनके स्वभाव के लिए भी उन्हें जानते हैं।
मेलानिया ट्रंप
अमेरिकी का वर्तमान प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप जो इतिहास की पहली ऐसी अमेरिकी प्रथम महिला हैं जो अमेरिकी नागरिक नहीं हैं और एक सुपरमॉडल रह चुकी हैं। मेलानिया भी वर्ष 2015 से खबरों में रहीं लेकिन नकरात्मक बातों की वजह से। उनकी न्यूड फोटोग्राफ्स सामने आईं तो उन्होंने एक कार्यक्रम में मिशेल ओबामा की स्पीच को कॉपी कर लिया। इसके बावजूद मेलानिया आज अमेरिका में एक ऐसी महिला बन गई हैं जिन्हें कुछ लोग फॉलो करने लगे हैं। मेलानिया को उनके फैशन सेंस ने पिछले दो वर्षों में खासी लोकप्रियता दिलाई है।
एंजेला मार्केल
जर्मनी की पहली चांसलर, एंजेला एक रिसर्च साइंटिस्ट रह चुकी हैं और उनके पास फिजिकल केमेस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि है। मार्केल वर्ष 1989 में राजनीति का हिस्सा बनीं और वर्ष 2005 में पहली बार जर्मनी की चांसलर के पद पर आईं। वर्ष 2015 में उन्होंने शरणार्थियों के लिए जर्मनी के दरवाजे खोले तो दुनियाभर में उनकी तारीफ हुई तो आज वह सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर चुकी हैं कि यह एक गलत फैसला था। मार्केल को फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स घोषित किया था और उनके बाद रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन का नंबर था। दिसबंर 2015 में उन्हें टाइम मैगजीन ने पर्सन ऑफ द इयर चुना। वर्ष 2014 में वह जर्मनी की सबसे ज्यादा लंबे समय तक शासन करने वाली मुखिया बनीं।
क्वीन रानिया
क्वीन रानिया ऑफ जॉर्डन, खूबसूरती और बुद्धिमता के कुछ खास उदाहरणों में से ही एक हैं। रानिया -अल-अब्दुल्ला उनका पूरा नाम है और वह आईएसआईएस से लेकर इस्लाम में महिलाओं के लिए मौजूद कड़े नियमों पर बड़ी ही बेबाक राय रखती हैं। क्वीन रानिया अरब देशों की सबसे प्रभावशाली महिला हैं। क्वीन रानिया ने एक बार कहा था कि मुसलमानों को आईएसआईएस के खिलाफ एक जंग छेड़ देनी होगी। उनका मानना था कि आईएसआईएस का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। वह इस बात के सख्त खिलाफ हैं कि अगर किसी लड़की की वर्जिनिटी खत्म हो गई है तो ऑनर किलिंग के नाम पर उसे मार दिया जाए।
थेरेसा मे
मारग्रेट थैचर के बाद ब्रिटेन की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थेरेसा मे जिन्हें यॅरोपियन यूनियन पर आए जनमत संग्रह के बाद चुना गया था। थेरेसा वर्ष 2010 से 2016 तक ब्रिटेन की गृहमंत्री रहीं थीं और उनके पास सबसे लंबे समय तक गृहमंत्री होने का रिकॉर्ड है। थेरेसा मे जियोग्राफी में ग्रेजुएट हैं और सांसद बनने से पहले उन्होंने बैंक ऑफ इंग्लैंड के लिए काम किया है। मे पीएम बनने के बाद संसद में बयान दिया कि किसी भी पल अगर उन्हें परमाणु हमले की जरूरत हुई तो वह बिना झिझक इसका आदेश दे सकती हैं और लाखों लोगों को मार सकती हैं।
मलीहा लोधी
जर्नलिस्ट से राजनयिक बनीं मलीहा ने अमेरिका से मांग की थी कि पाक को परमाणु कार्यक्रम से रोकने से पहले भारत के कार्यक्रम को बंद कराया जाए जो दक्षिण एशिया में एक खतरनाक उन्माद को बढ़ावा दे रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वर्ष 2014 में मलीहा लोधी को यूएन में पाक का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया था। फरवरी 2015 से मलीहा ने न्यूयॉर्क स्थित यूएन हेडक्वार्टर में अपना जिम्मा संभाला। आज मलीहा, पाक की प्रभावी महिलाओं में से एक हैं।
निलोफर रहमानी
23 वर्ष की निलोफर अफगानिस्तान एयरफोर्स के इतिहास में पहली महिला फिक्स्ड विंग पायलट हैं। निलोफर एक ऐसे देश से आती हैं जहां पर लड़कियों की शिक्षा तो दूर उन्हें खुलेआम किसी पुरुष से बात करने की भी इजाजत नहीं है। वर्ष 2012 में जब निलोफर अफगान एयरफोर्स एकेडमी से सेंकेड लेफ्टिनेंट बनकर निकलीं तो उन्हें और उनके परिवार को तालिबान की ओर से जान से मारने की धमकियां मिलीं। लेकिन उनके परिवार और निलोफर ने साहस नहीं छोड़ और आज भी निलोफर अपनी ड्यूटी को पूरा कर रही हैं।
साफिया फिरोजी
26 वर्ष की कैप्टन साफिया फिरोजी अफगानिस्तान की दूसरी महिला पायलट और एक प्रतीक कि अब यहां की महिलाएं जो सपना देख रही हैं उसे पूरा भी कर रही हैं।साफिया अफगानिस्तान की एक शरणार्थी हैं और वह अफगानिस्तान की छोटी सी एयरफोर्स में ट्रांसपोर्ट पायलट हैं। तालिबान का साम्राज्य बिखरने के बाद साफिया हाई स्कूल में थीं जब उन्होंने टीवी पर एक एड देखा और इसके बाद उन्होंने पायलट बनने का सपना देखा। एक बच्चे की मां साफिया आज तक अपने सपने को जी रही हैं।