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गर्भधारण में समस्या बन सकता है आपका मोटापा इसलिए सावधान...
ज्यादा वजन वाली महिलाएं मासिक धर्म में गड़बड़ी और पीसीओडी के साथ सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी झेलती हैं।
नई दिल्ली। मोटापा किसी भी लिहाज से सही नहीं होता है इसलिए यह ना बढ़े तब ही सही है। हालिया शोध रिपोर्ट कहती है कि ज्यादा वजनधारी महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक समय लगता है और ये उनके होने वाले बच्चे के लिए सही नहीं है।
शोध की खास बातें
- ये शोध अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने किया है।
- जिसके मुताबिक अगर पति-पत्नी दोनों ही वजनी या मोटे हैं, तो पत्नी को गर्भधारण करने में सामान्य लोगों से 55 से 59 फीसदी ज्यादा समय लगता है।
- तैमूर के लिए जीरो साइज करीना ने बढ़ाया था 18 किलो वजन
- एनआईएच की ओर से किया गया यह शोध 'मून रिप्रोडक्शन' जनरल में प्रकाशित हुआ है।
- मोटापे से शरीर का हार्मोन चेंज हो जाता है और इंसुलिन बनने में रुकावट आती है।
- ज्यादा वजन वाली महिलाएं मासिक धर्म में गड़बड़ी और पीसीओडी के साथ सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी झेलती हैं।
- इसी वजह से ही मोटी महिलाएं बांझपन या गर्भवस्था के दौरान कई रोगों की शिकार हो जाती हैं।
गर्भावस्था में भी नहीं बढ़ना चाहिए वजन
ये बात तो शोध में प्रकाशित हुई हैं लेकिन दूसरी ओर ये भी सच्चाई है कि गर्भावस्था में जिस महिला का वजन तेजी से बढ़ता, उसे स्थूल शिशु को जन्म देने की संभावना रहती है। जो कि अच्छी बात नहीं है। मां का बजन बढ़ने से उसका पैदा होने वाला बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है जो कि आगे चलकर बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है क्योंकि आजकल आधे से ज्यादा बीमारी का जनक तो मोटापा ही है।
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English summary
Trying to get pregnant but can't get results? Check your weight, obesity can affect conception in a big way said new study.
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