Lok Sabha Elections 2019: लोकसभा चुनाव तो खत्म, जानिए अब क्या होगा VVPAT पर्चियों का?
नई दिल्ली। लोकसभा 2019 का चुनाव परिणाम आ चुका है, प्रचंड बहुमत के साथ देश में मोदी सरकार की वापसी हुई है और एक बार फिर से कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है, 30 मई को पीएम मोदी दोबारा से पीएम पद की शपथ ग्रहण करेंगे और उसके बाद नई सरकार का गठन हो जाएगा लेकिन अब सवाल उठता है कि मतगणना के दौरान बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने वाली वीवीपैट (VVPAT) की पर्चियों का अब क्या होगा, क्या उसे कूड़े की ढ़ेर में फेंक दिया जाएगा या फिर उसे जलाकर खत्म कर दिया जाएगा, अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो बता दें कि आप गलत सोच रहे हैं।
चलिए विस्तार से जानते हैं कि वीवीपैट (VVPAT) की पर्चियों का अब क्या होगा?
क्या है VVPAT
वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट (VVPAT ) व्यवस्था के तहत वोटर डालने के तुरंत बाद कागज की एक पर्ची बनती है, इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है। यह व्यवस्था इसलिए है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सके। गौरतलब है कि ईवीएम पर उठे सवालों के बाद इस बार लोकसभा चुनावों में पहली बार देशभर में सभी जगहों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया था।
अब आगे क्या होगा?
एक वीवीपैट में करीब 1400 पर्चियां होती हैं, मतगणना के बाद अब इन पर्चियों को दोबारा से वीवीपैट में सील कर दिया गया है, वीवीपैट के साथ ईवीएम को भी सील कर दिया गया है, इन ईवीएम और वीवीपैट को काउंटिंग से लेकर 45 दिनों तक सुरक्षित रखा जाना है क्योंकि नियम के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद 45 दिन तक हाई कोर्ट में अपील करने की छूट होती है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने मतों को लेकर कोई शक जारी करता है और कोर्ट में अर्जी देता है, तो कोर्ट वीवीपैट की दोबारा से गिनने का आदेश दे सकती है और इसी वजह से इन्हें सील करके रखा जाता है।
स्याही और नमी से बचाने की कोशिश
वीवीपैट पर्चियों की स्याही न उड़े, इसके लिए इन मशीनों को ऐसी जगह पर रखा गया है जहां एकदम अंधेरा हो। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए हर मशीन को काली पॉलिथीन में सील किया जाता है, ताकि हवा और लाइट इनमें न जा सके और ना नमी इसे बेकार कर सके।
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