My Voice: स्मृति जी बच्चियों से पहले उनके मां-बाप के लिए भी खुलवाइये पाठशाला..
My
Voice
कॉलम
में
दिल्ली
निवासी
और
एनबीएम
मीडिया
मैंगजिन
की
एक्सक्यूटिव
एडीडर
सुश्री
मारिया
राशिदा
ने
कहा
कि
आज
के
दौर
में
लड़कियां
किसी
भी
मामले
में
लड़कों
से
पीछे
नहीं
हैं।
लड़कियों ने आज अपने दम पर एक सफल पहचान बनायी है लेकिन मारिया का कहना है कि छोटे शहरों में आज भी लड़कियां अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रही हैं क्योंकि उन्हें बड़े शहरों की तरह एक्सपोजर नहीं मिल पाता है और उनके मां-बाप एक अज्ञात डर से ग्रसित होने के कारण उन्हें बड़े शहरों में पढ़ने या नौकरी करने के लिए नहीं भेजते जो कि एक गंभीर विषय है और उस पर चर्चा होनी चाहिए।
स्मृति जी पहले उनके मां-बाप के लिए भी खुलवाइये पाठशाला..
मूल रूप से जौनपुर निवासी मारिया पिछले दस सालों से दिल्ली में रह रही हैं इसलिए छोटे शहरों और बड़े शहरों के बीच के अंतर को वो बखूबी समझती हैं इसलिए मारिया ने देश की एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी की तारीफ करते हुए उनसे एक छोटी से इल्तजा की है कि छोटे शहरों में छात्राओं के लिए स्कूल खोलने के अलावा वो ऐसे स्कूल या ऐसी व्यवस्थाएं करें जिससे मां-बाप के अंदर अपनी बच्चियों को लेकर कोई असुरक्षा या डर ना रहें।
My Voice: स्मृति जी बच्चियों से पहले उनके मां-बाप के लिए भी खुलवाइये पाठशाला..
लड़कियों
के
आगे
बढ़ने
और
पढ़ने
से
पहले
उनके
मां-बाप
की
काउंसलिंग
होनी
बेहद
जरूरी
है।
चूंकि
स्मृति
ईरानी
खुद
एक
महिला
हैं
और
उन्होंने
बड़ी
कम
उम्र
में
सफलता
पायी
है
इसलिए
मुझे
लगता
है
कि
वो
लड़कियों
के
इस
दर्द
को
समझ
सकती
हैं।
My
Voice:
कंप्यूटर
ज्ञान
से
पहले
बच्चों
को
'सेक्स-एजुकेशन'
दिलवाओ
पीएम
जी
मारिया ने कहा कि जिस दिन बच्चियों के मां-बाप तुच्छ मानसिकता से अपने आप को दूर कर देंगे, उस दिन से ही हिंदुस्तान में सफलताओं की एक नई रोशनी जगमगायेगी, क्या पता वो रोशनी अभी आपके आंगन को गुलजार कर रही हो।
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