Parle G बिस्कुट के बारे में जानिए ये बेहद दिलचस्प बातें
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी बिस्किट निर्माता कंपनी 'पारले जी' में भी मंदी का माहौल दिखने लगा है। कंपनी ने कहा कि वो बिक्री न होने से करीब 10 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। कंपनी के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि पारले जी कंपनी की सेल में भारी गिरावट का मतलब कंपनी को अब उत्पादन भी घटाना होगा जिसके परिणाम स्वरूप 8000 - 10000 लोगों की कटौती की जा सकती है, हालात इतना ज्यादा खराब हो चुके हैं कि यदि सरकार इस मसले पर फौरन दखल नहीं देती तो इतने लोगों को तुरंत कंपनी निकाल सकती है।
''बचपन से बड़ा कोई स्कूल नहीं, क्यूरोसिटी से बड़ी कोई टीचर नहीं''
फिलहाल सरकार इस मामले में क्या कदम उठाएगी ये तो वक्त बताएगा लेकिन इसमें किसी को शक नहीं कि भारत का शायद ही कोई घर ऐसा होगा जहां 'पारले जी' का बिस्कुट आता नहीं होगा, आज भले ही बिस्कुट की खपत कम हो गई हो लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बेहद ही सस्ते और स्वादिष्ट यह बिस्कुट पूरे भारत में लोकप्रिय हैं, ''बचपन से बड़ा कोई स्कूल नहीं, क्यूरोसिटी से बड़ी कोई टीचर नहीं'' का संदेश देते हुए झोपड़ी से लेकर रईसजादों तक की पहली पसंद रहे इस बिस्कुट से साथ बहुत लोग बचपन से जवान और फिर बूढे हुए हैं।
चलिए फिर जानते हैं सबके प्रिय 'पारले जी' बिस्कुट के बारे में कुछ दिलचस्प और खास बातें
'पारले जी' बिस्कुट के पैकेट पर छपा बच्चा कौन है?
- अक्सर 'पारले जी' बिस्कुट के पैकेट पर छपी बच्चे की फोटो के बारे में चर्चा होती रहती है कि आखिर यह बच्चा कौन है? कुछ दिनों पहले इसे नीरू देशपांडे के बचपन की फोटो बताई गई लेकिन नहीं दोस्तों यह फोटो किसी मॉडल या सेलिब्रेटी की नहीं बल्कि एक ऐनिमेटड पिक्चर है जिसका निर्माण 1979 में किया गया था।
- पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित 'पारले जी' या पार्ले ग्लूकोज बिस्कुट भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय बिस्कुटों में से एक हैं। 'पारले जी' सबसे पुराने ब्रांड नामों में से एक होने के साथ-साथ भारत में सर्वाधिक बिक्री वाला बिस्कुट ब्रांड भी है।
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कंपनी का नारा है-जी का मतलब जीनियस
कंपनी का नारा है, जी का मतलब जीनियस (प्रतिभाशाली), 'पारले जी' नाम को उपनगरीय रेल स्टेशन विले पार्ले से लिया गया है जो स्वयं पार्ले नामक पुराने गांव पर आधारित है। वीकिपीडिया के मुताबिक नीलसन सर्वे की मानें तो 'पारले जी' विश्व में सर्वाधिक बिक्री वाला बिस्कुट है। भारत के ग्लूकोज बिस्कुट श्रेणी के 70% बाजार पर इसका कब्जा है, इसके बाद नंबर आता है ब्रिटानिया के टाइगर (17-18%) और आईटीसी के सनफीस्ट (8-9%) का।
1929 में 'पारले जी' पार्ले नामक एक छोटी कंपनी का निर्माण हुआ
1929 में भारत जब ब्रिटिश शासन के अधीन था तब 'पारले जी' पार्ले प्रोडक्ट्स नामक एक छोटी कंपनी का निर्माण हुआ था। मुंबई के उपनगर विले 'पारले जी' (पूर्व) में मिठाइयों तथा टॉफियों (जैसे कि मेलोडी, कच्चा मैंगो बाईट आदि) के उत्पादन के लिए एक छोटे कारखाने को स्थापित किया गया। एक दशक बाद वहां बिस्कुट का उत्पादन भी शुरू कर दिया गया जिसके बाद से बढ़कर यह भारत की सबसे बड़ी खाद्य उत्पाद कंपनियों से एक हो गई।
'पारले जी' बिस्कुट 4 रूपये से लेकर 50 रूपये तक आता है
आज 'पारले जी' बिस्कुट 4 रूपये से लेकर 50 रूपये तक आता है, इस कंपनी और भी बहुत सारी चीजें बनाती हैं जैसे कि सॉस, टॉफी, केक लेकिन इन सब का मार्केट बिस्कुट के आगे फेल है। ये बिस्कुट समाज का हर वर्ग चाहे वो गरीब हो या करोडपति, चाहे वो बच्चा हो या बूढ़ा, हर कोई खाता है।
दुनिया के चौथे सबसे बड़े बिस्कुट उपभोक्ता
2009-10 के आंकड़ों पर गौर करें तो पारले-जी की बिक्री दुनिया के चौथे सबसे बड़े बिस्कुट उपभोक्ता मुल्क चीन से भी ज्यादा है। भारत से बाहर पारले-जी यूरोप, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, आदि में भी उपलब्ध है। पारलेजी अकेला ऐसा बिस्कुट होता है जो कि गांवों से लेकर शहरों तक में एक ही रेट से बिकता है ।
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