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प्रेमचंद को गूगल का अनोखा सलाम, 'गोदान' डूडल से किया याद

By हिमांशु तिवारी आत्मीय
Google Oneindia News

गोदान जैसा चर्चित उपन्यास लिखने वाले प्रसिद्ध कहानीकार मुंशी प्रेमचंद का आज जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने उनका डूडल बनाकर उन्हें और उनकी रचनाओं को फिर से लोगों के जहन में ला दिया। मुंशी प्रेमचंद का जन्म साल 1880 में 31 जुलाई को वाराणसी के एक छोटे से गांव लमही में हुआ था। मुंशी प्रेमचंद ने साल 1936 में अपना अंतिम उपन्यास गोदान लिखा। जो काफी चर्चित रहा।

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Munshi Premchand Google doodle is inspired by Godaan: Interesting Facts

हिन्दी से पहले उर्दू में लिखना शुरू किया

प्रेमचंद का मूल नाम धनपत राय था। बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रेमचंद ने हिंदी से पहले उर्दू में लिखना शुरु किया था। जब धनपत आठ वर्ष के थे तब बीमारी के कारण इनकी मां का देहांत हो गया। प्रेमचन्द तब अकेले पड़ गए थे, क्योंकि उनकी बड़ी बहन का विवाह हो चुका था और पिता को अपने काम से समय नहीं मिलता था। इनका विवाह भी 15 साल की आयु में कर दिया गया था, मगर कुछ समय बाद ही उनकी पत्नी का देहांत हो गया।

पत्नी शिवरानी ने लिखी प्रेमचंद की जीवनी

कुछ समय बाद उन्होंने बनारस के बाद चुनार के स्कूल में शिक्षक की नौकरी की, साथ ही बीए की पढ़ाई भी। बाद में उन्होंने एक बाल विधवा शिवरानी देवी से विवाह किया, जिन्होंने प्रेमचंद की जीवनी लिखी थी।

अंग्रेजी हुकूमत में सरकारी नौकरी से दिया इस्तीफा

कलम के जादूगर मुंशी प्रेमचंद ने अपना पहला साहित्यिक काम गोरखपुर से उर्दू में शुरू किया था। उनकी पहली रचना कहीं प्रकाशित नहीं हो पाई और बाद में खो गई। सोज-ए-वतन उनकी पहली रचना थी। जिस रावत पाठशाला में उन्‍होंने प्राथमिक शिक्षा ली थी, वहीं पर उनकी पहली पोस्टिंग शिक्षक के रूप मे हुई। उसी दौरान वह बालेमियां मैदान में महात्‍मा गांधी का भाषण सुनने गए। महात्‍मा गांधी के ओजस्‍वी भाषण का उन पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि उन्‍होंने अंग्रेजी हुकूमत में सरकारी नौकरी से त्‍यागपत्र दे दिया और स्‍वतंत्र लेखन करने लगे।

एक नजर मुंशी प्रेमचंद की कहानियों एवं उपन्यास पर

प्रेमचंद की चर्चित कहानियां

मंत्र, नशा, शतरंज के खिलाड़ी, पूस की रात, आत्माराम, बूढ़ी काकी, बड़े भाईसाहब, बड़े घर की बेटी, कफन, उधार की घड़ी, नमक का दरोगा, जुर्माना आदि।

उपन्यास-

गबन, बाजार-ए-हुस्न (उर्दू में), सेवा सदन, गोदान, कर्मभूमि, कायाकल्प, मनोरमा, निर्मला, प्रतिज्ञा प्रेमाश्रम, रंगभूमि, वरदान, प्रेमा आदि।

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English summary
It is Munshi Premchand’s 136th birthday today. Google has dedicated a doodle to the great writer to mark the occasion.
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