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तस्वीरों और कविता के साथ मॉं के हर पहलू को प्रणाम
मातृ दिवस यानी मदर्स डे के मौके पर हम अगले पांच मिनट के लिये मां के हर पहलु को जानेंगे। नीचे तस्वीरों में मॉं के अलग-अलग रूप देखने से पहले एक नजर उस कविता पर जिसे लिखा है लखनऊ की ऋतु राय ने।
कोई
चेहरा
तुमसा
न
होगा
जो
दर्द-ए-दरारों
को
भर
सके
कोई
दिल
तुमसा
मुलायम
न
होगा
जो
आंखों
में
उतर,
दिल
की
नमी
भाप
सके
कोई
आवाज़
तुमसा
जादुई
न
होगा
जो
जीवन
अीयंतर
उत्साह
की
लहर
जगा
दे
कोई
मौजूदगी
तुमसा
न
होगा
जो
न
उपस्थित
होकर
संपूर्ण
होने
का
अहसास
दिला
दे
कोई
याद
तुमसा
मजबूत
न
होगा
जो
हमको
मुमसे
भूला
दे
हां
सत्य
हो
तुम
जीवन
है
तो
मृत्यु
भी
पर
आत्मा
की
श्रेष्ठा
में
तुम
प्रबल
हो
मॉं
चेहरे पर मुस्कुराहट ला देंगी ये तस्वीरें
तस्वीरों और कविता के साथ मॉं के हर पहलू को प्रणाम
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English summary
Just celebrate this Mother's Day with amazing pictures and wonderful poetry written by a Lucknow girl.
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