नरेंद्र मोदी का पीछा कर रहा है IIM, पर ऐसी नौबत आयी क्यों?
नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री बनने जा रहे नरेंद्र मोदी की जीवन गाथा सभी ने सुनी और पढ़ी, सबने प्रेरणा भी ली। आम तौर पर लोग कहते हैं कि मोदी के जीवन से बच्चों को सीख लेनी चाहिये कि कैसे मेहनत करके ऊंचाईयां छुई जा सकती हैं, युवाओं को लेनी चाहिये, कि कैसे अपने हुन कर इस्तेमाल कर सफलता प्राप्त की जा सकती है, राजनेताओं को लेनी चाहिये कि कैसे एक अच्छा शासक बना जा सकता है।
हम यहां बात करेंगे नरेंद्र मोदी के मैनेजमेंट और लीडरशिप स्किल्स की जिनसे कोई भी मैनेजर या मैनेजमेंट की दुनिया में आगे बढ़ने की आकांक्षा रखने वाला व्यक्ति सीख सकता है। हम यह लेख ऐसे ही नहीं लिख रहे हैं, असल में भारतीय प्रबंधन संस्थान की एक टीम अब मोदी के ऊपर अध्ययन करने जा रही है। आईआईएम अहमदाबाद और बैंगलोर की टीमें मोदी से संपर्क साधने में जुटी हुई हैं। जब आईआईएम के लिये मोदी महत्वपूर्ण हो सकते हैं, तो आप जैसे मैनेजर या मैनेजर बनने की इच्छा रखने वाले के लिये क्यों नहीं।
तो देर किस बात की है, स्लाइडर में एक-एक तस्वीर पर क्लिक करते जाइये। हम यहां सिर्फ मैनेजमेंट के प्वाइंट्स पर ही चर्चा नहीं करेंगे, बल्कि कैसे वो स्किल्स नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े हैं, उन पर भी चर्चा तस्वीर के सामने करेंगे।
नरेंद्र मोदी की मैनेजमेंट स्किल्स
इस स्लाइडर में आगे बढ़ते जायें और जानें मोदी के प्रबंधकीय गुण।
जन प्रबंधन
जिस तरह देश की जनता को एक डोर में बांधने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है, वो हर किसी के बस की बात नहीं है, रैलियों को तो हर कोई संबोधित करता है, पर लोगों को खींचना हर किसी के बस की बात नहीं।
संचार गुणवत्ता
नरेंद्र मोदी की कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी हैं, इसमें कोई शक नहीं, यही कारण है कि जब मोदी बोलते हैं तो सुनने वाले मौन हो जाते हैं। बोलने के साथ-साथ मोदी अच्छे श्रोता भी हैं।
हर काम में सहयोग
आरएसएस के दिनों से ही नरेंद्र मोदी किसी भी काम में पीछे नहीं रहे। हर काम में अपना सहयोग देने में मोदी हमेशा तत्पर रहते हैं।
व्यापार प्रबंधन
नरेंद्र मोदी का बिजनेस मैनेजमेंट कितना अच्छा है, इसका अंदाजा आप गुजरात में ऊंचाईयों को छू रहे पतंग के व्यवसाय को देख कर लगा सकते हैं।
वित्तीय प्रबंधन
किस मद में कितना खर्च करना है यह बात मोदी को अच्छी तरह आता है, यही कारण है कि उत्पादन से होने वाली आय को मोदी अच्छी तरह विकास कार्यों में लगाते हैं। उदाहरण गुजारत है।
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
गुजरात में अलग-अलग परियोजनाओं को अंजाम देने के लिये मोदी ने जीओजी विभाग बना रखा है, जो सभी परियोजनाओं की कार्यप्रणाली का हिसाब-किताब रखती है।
टीम मोटीवेशन
नरेंद्र मोदी अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने का काम हमेशा करते रहते हैं। मात्र 3 महीने पहले ओपिनियन पोल के परिणाम भाजपा के विरुद्ध थे, लेकिन टीम मोटीवेशन ने टार्गेट 272 अचीव करके दिखा दिया।
प्रतिनिधिमंडल पर विश्वास
नरेंद्र मोदी कभी भी खुद को सुपीरियर नहीं समझते हैं। अपने प्रतिनिधिमंडल पर उन्हें पूरा विश्वास रहता है, हाल के चुनाव में अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी बड़े उदाहरण हैं।
टीम डेवलपमेंट
नरेंद्र मोदी जब भी कोई काम करने के लिये आगे बढ़ते हैं, तो काम को अलग-अलग टीमों में बांट देते हैं, जो एक अच्छे मैनेजर की पहचान है।
टीम के साथ काम करना
नरेंद्र मोदी अपनी टीम के साथ मिलकर काम करने में कभी पीछे नहीं हटते। ऐसा नहीं है कि हर बार वो समीक्षा करने के लिये ही बैठे रहते हों।
टीम के बाहर के लोगों से संचार
एक अच्छा मैनेजर वो है, जो टीम के बाहर बैठे लोगों से अपना संचार अच्छी तरह स्थापित कर सके। मोदी में यह गुर कूट-कूट कर भरा है, यही कारण है कि अलग-अलग राज्यों को मदद करने में वो कभी पीछे नहीं हटे।
नियमबद्धता
मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में नेता चुने के बाद सबसे पहले कहा कि चुनाव में मैंने एक डिसिप्लिन्ड सोल्जर की तरह काम किया और अंत में अपने रिपोर्टिंग हेड को रिपोर्ट किया।
बाधाओं को किनारे करते जाना
अच्छा मैनेजर वही होता है जो अपने काम में आने वाली बाधाओं को दूर करता जाये। मोदी ने 2002 से लेकर 2014 तक गुजरात दंगों से लेकर इशरत एंकाउंटर तक तमाम बाधाओं को पार किया।
नेतृत्व की क्षमता
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की क्षमता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पिछले पांच साल से उन्हें नंबर-1 मुख्यमंत्री के खिताब से नवाजा जा रहा है।
टीम मैनेजमेंट
टीम बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है उसका प्रबंधन। किसी भी जगह कोई चूक नहीं हो जाये, इसके लिये टीम का प्रबंधन जरूरी होता है, मोदी ने अपने अभियान में सभी टीमों का प्रबंधन सही ढंग से किया।
स्ट्रैटेजिक टूल्स
नरेंद्र मोदी 13 सितंबर 2013 से नहीं बल्कि उससे भी दो साल पहले से ही प्रधानमंत्री पद के रास्ते पर चल पड़े थे, अपनी सही रणनीति के साथ पहले लोगों के दिलों में जगह बनायी और फिर अपने हुनर को गिनाया।
निर्णय लेना
आरएसएस के तमाम सदस्य बताते हैं कि मोदी हमेशा से ही क्विक डिसीजन के लिये जाने जाते हैं। एक बार विरोधी नेता जीत की कगार पर था, लेकिन महज एक रात में मोदी की रणनीति ने उसे जमीन पर लाकर खड़ा कर दिया।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
नरेंद्र मोदी हर रोज सुबह उठकर योग करते हैं, ताकि स्ट्रेस प्रबंधन कर सकें। मैनेजर के लिये यह बेहद जरूरी चीज होती है।
प्रैक्टिकल क्रिएटिविटी
नरेंद्र मोदी की क्रिएटिविटी की बात करें तो चुनाव के दौरान जिस-जिस राज्य में वो गये, हर उस राज्य में क्रिएटिव आईडिया दे डाले। यह एक अच्छे मैनेजर की पहचान होती है।
सीखने के गुर
नरेंद्र मोदी एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपने दुश्मनों तक से सीखने की क्षमता रखते हैं।
सकारात्मक सोच
नरेंद्र मोदी ने अपने पूरे चुनाव प्रचार में देश को एक सकारात्मक सोच प्रदान की। सेंट्रल हॉल में भी उन्होंने पिछली सरकार की नाकामियां नहीं गिनायीं।
कड़ी मेहनत
इस बात के सबसे बड़े गवाह गुजरात मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी हैं। कर्मचारी अपने-अपने घर चले जाते हैं, पर मोदी रात के 11-12 बजे तक काम करते रहते हैं।
त्वरित निर्णय
नरेंद्र मोदी अपने त्वरित निर्णय लेने के लिये आरएसएस में जाने जाते हैं। अपने इस स्किल का परिचय बतौर सीएम भी उन्होंने बहुत बार दिया।
परिस्थितियों को संभालना
परिस्थितियां कैसी भी हों, मोदी उन्हें हैंडल करना बखूबी जानते हैं।
ड्रेस सेंस
नरेंद्र मोदी अपने ड्रेस अप में कभी कोई कमी नहीं रखते। अच्छे मैनेजर के लिये यह बहुत जरूरी होता है।
टीम स्पिरिट
समय समय पर टीम के अंदर जान फूंकना बेहद जरूरी होता है, चुनाव के दौरान मोदी ने हर रैली के दौरान टीम में जान फूंकी।
कभी कंफ्यूज नहीं होना
नरेंद्र मोदी एक स्पष्टवादी व्यक्ति हैं और उनकी हर चीज में स्पष्टता झलकती भी है। कभी कंफ्यूज नहीं रहते।
क्षेत्र के बारे में ज्ञान
किसी मैनेजर के लिये अपनी फील्ड के बारे में ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है। मोदी के पास ज्ञान का भंडार है।
रणनीतिक सोच
पटना में रैली के दौरान बम धमाकों के बाद सुरक्षा एजेंसियों के मना करने के बावजूद गांधी मैदान पर भाषण देना एक रणनीतिक सोच थी। यह त्वरित निर्णय के साथ आयी।
इमोशनल इंटेलीजेंस
अपने काम के साथ इमोशन को जोड़ना नरेंद्र मोदी से सीख सकते हैं। जिस तरह संसद भवन के द्वार पर मत्था टेका, वो भावुक कर देने वाला पल था।
क्रिटिकल थिंकिंग
सामने वाले के क्रियाकलापों के साथ-साथ अपने काम की भी क्रिटिकल थिंकिंग रखना हमेशा से मोदी के गुणों में शामिल रहा है।
फीडबैक
नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद कहा कि 2019 में मैं अपना रिपोर्टकार्ड दूंगा। मोदी हमेशा खुद का फीडबैक लोगों को देते हैं और लोगों का फीडबैक भी लेते हैं।
कठिन वाद-विवाद
बैठक चाहे गुजरात सरकार की हो या भाजपा की नरेंद्र मोदी ने किसी भी बैठक में अपने उसूलों से समझौता नहीं किया, चाहे वाद-विवाद कितना ही कठिन क्यों न हो गया हो।
अपने उसूलों, कार्यों को जतायें
मैनेजर को अपने उसूलों और किये गये कार्यों को जता देना चाहिये, ताकि सामने वाला आपके अनुसार ढल सके। इस काम में मोदी बेहद माहिर हैं।
ब्रांडिंग
प्रत्येक मैनेजर को मालूम होना चाहिये कि अगर आपको अपने अनुपात को बेचना है, तो ब्रांडिंग बेहद जरूरी होती है, यह गुर नरेंद्र मोदी से सीख सकते हैं।
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