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तो महाराणा प्रताप कभी नहीं रहे हिन्दू हृदय सम्राट

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नई दिल्ली (विवेक शुक्ला ) महाराणा प्रताप महाराणा की फौज में हिंदू भी थे और मुसलमान भी। इसी तरह से अकबर की फौज का प्रमुख मानसिंह था जो स्वयं महाराणा प्रताप का रिश्तेदार था। इसलिए महाराणा को सांप्रदायिक समझने का मतलब कि वामपंथी और कांग्रेसी जानबूझ कर प्रतिक्रियावादी कदम उठा रहे हैं।

राणा को शिवाजी की तरह कभी हिंदू हृदय सम्राट नहीं कहा गया। न राणा की छवि कभी सांप्रदायिक रही। उन्होंने देश में एकछत्र शासन के इच्छुक अकबर का विरोध किया था और निंरतर करते रहे। इसके लिए राणा निकालने में माहिर होते हैं और यही कारण है कि भारतीय नायक दक्षिणपंथी आरएसएस के पाले में चले गए। हेमचंद्र विक्रमादित्य, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, स्वामी दयानंद और स्वामी विवेकानंद को सीधे-सीधे संघ ने अपना नायक मान लिया।

खामियां निकालना गलत

महाराणा प्रताप जैसे नायकों की खामियां निकालना कतई शोभा नहीं देता। महाराणा प्रताप को लेकर वामपंथियों और दक्षिणपंथी संघियों में जंग छिड़ी रहती है। वरिष्ठ चिंतक और इतिहासकार शंभूनाथ शुक्ल कहते हैं कि ये अफसोस की बात है कि राणा प्रताप को सिरे से खारिज कर रहा है तो दूसरा उन्हें पाठ्यक्रम में लाने को आतुर है। चूंकि सरकार की तरफ से यह पहल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की इसलिए माना गया कि राणा प्रताप राजपूत थे इसलिए एक राजपूत मंत्री ऐसा कर रहा है और एक तरफ से वामपंथी पिल पड़े राणा की बहादुरी व उनके पराक्रम को खारिज करने में।

राणा प्रताप की बहादुरी

शुक्ल आगे कहते हैं कि मगर वे भूल जाते हैं कि राणा प्रताप की बहादुरी के किस्से पिछले 66 वर्षों में कांग्रेस सरकारों ने ही पढ़वाए हैं। और अगर राणा कायर थे तो जनता ने उन्हें सिर माथे पर क्यों बैठाया? महाराणा प्रताप एक वीर योद्घा और स्वतंत्रता प्रेमी थे। वे हमारे नायक थे और रहेंगे इसलिए उन्हें नायक समझो और खामखाँ में संघियों व भक्तों के पाले में उन्हें नहीं जाने दो।

यूपी में पढ़ाए गए दोनों

यूपी के कांग्रेसी नेता बाबू संपूर्णानंद ने छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए हमारे पूर्वज नामकी एक पुस्तक पाठ्यक्रम में लगवाई थी उसमें अकबर और राणा प्रताप दोनों को ही पढ़ाया जाया करता था। इसी पुस्तक से पता चला कि अकबर से लडऩे वाले वीरों में चांद बीवी और रानी दुर्गावती भी थीं। शायद ऐसा ही संघर्ष अहिल्याबाई होल्कर ने बाजीराव पेशवा से किया था।

Comments
English summary
Maharana Pratap was a great warrior. Unlike Shivaji, he was not a Hindu warrior. It goes without saying that he should be respected.
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